अस्थमा श्वसन प्रणाली से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जहां सांस लेना एक प्रयास बन जाता है। अस्थमा के मामले में, सामान्य साँस लेना उतना ही कठिन हो जाता है जितना कि कुछ सौ गज दौड़ने, और जोर से हांफने के बाद सांस लेना। अस्थमा की समस्या को दूर करने के लिए अस्थमा के लिए 23 जादुई टोटके सबसे बेहतरीन सुझाव हैं.
अस्थमा होने से फेफड़ों में सूजन और खासी के साथ सीने में जकड़न के कारण ठीक से सांस लेने में मरीजों को परेशानी होती हैं। यह बीमारी सभी उम्र के लोगो को प्रभावित करती हैं, लेकिन ज्यादातर बुजुर्ग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं। अस्थमा एक श्वसन प्रणाली की बीमारी हैं। अस्थमा कई अन्य सांस की समस्याएं पैदा करता हैं।
• अस्थमा होने के लक्षण
• सांस फूलना
• सीने में दर्द होना
• सांस का उखड़ना
• गले का सुष्क होना
• अधिक खासी आना
• नाडी गति का बठना
• सीने में जकड़न होना
• सर में भारीपन लगना
• कमजोरी महसूस होना
• प्रतिदिन कफ बना रहना
• रात में ठीक से नींद न लेना
• दिल की धड़कन तेज होना
• सांस लेने में तकलीफ होना
• सांस छोड़ने में तकलीफ होना
• कोहरे या धुएं से अलर्जी होना
• अधिक थकान महसूस करना
• सांस लेने पर कुछ आवाजे आना
• अस्थमा किन वजह से होता हैं?
• धुआं
• शरदी
• धूम्रपान
• प्रदूषण
• ठंडी हवा चलना
• एलर्जी के कारण
• मोसम में बदलाव
• अगरबत्ती और इत्र
• सांस की नली में इंफेक्शन
• अस्थमा के लिए 23 जादुई टोटके
आप अस्थमा को इस टोटके की सहायता से दूर कर सकते हैं. तो चलिए जानते इन जादुई टोटको के बारे में
1. हल्दी और काली मिर्च
गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पिएं यह आपके गले के आसपास की श्लेष्मा झिल्ली को शांत करता है। यह अस्थमा के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। आप चाहें तो एक चम्मच काली मिर्च को टुकड़ों में पीसकर दूध के साथ हल्दी पाउडर भी मिला सकते हैं। अस्थमा से तुरंत राहत पा सकते हैं।
2. शहद
शहद, जैतून का तेल, दूध और लहसुन का मिश्रण करे अस्थमा के लिए तुरंत राहत प्रदान करने के लिए मिश्रण को गर्म करें और इसे सुबह के समय पियें- आप अस्थमा के लिए उपयोगी घरेलू उपचार के रूप में इस उपचार को कुछ समय तक जारी रख सकते हैं। शहद स्वास्थ्य के लिए और विशेष रूप से दमा की स्थिति के लिए बोहोत अच्छा होता हैं।
3. मेथी
मेथी के दानों के साथ एक गिलास पानी उबालें, और जब यह उबल जाए तो इसमें अदरक पाउडर का मिश्रण डालें और , एक चम्मच शहद उन्हें अच्छी तरह से मिलाएं, घूंट-घूंट कर अदरक और मेथी के सार को आराम दें।
4. सहजन की पत्तियों का सूप
मुट्ठी भर सहजन की पत्तियां लें, उन्हें एक गिलास पानी में डालें और उबाल लें। स्वाद के लिए नमक और काली मिर्च मिलाएं। जब यह कुछ मिनट तक उबल जाए तो इसे तब तक छोड़ दें जब तक सहजन के पत्तों का सार गर्म सूप में न आ जाए।
जब यह पीने के लिए पर्याप्त गर्म हो तो इसे पीएं और अपने गले को सुखदायक सनसनी पैदा करें। सहजन की पत्तियां और उनका बना सूप सिर्फ अस्थमा के लिए ही नहीं बल्कि ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखने के लिए अच्छा माना जाता है।
5. सूखे कुसुम के बीज
सूखे कुसुम के बीजों को पीसकर, एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार लिया जा सकता है। यह एक निस्सारक के रूप में मदद करता है, जहां थूक को मुखगुहा से प्रवाहित होने दिया जाता है और हो सकता है सांस लेने में आसानी हों। अस्थमा के लिए सबसे अधिक मांग वाले घरेलू उपचारों में से एक है।
6. लाल तिपतिया घास
लाल तिपतिया घास को रक्त शोधक माना जाता है और इसे कैंसर के उपचार के रूप में भी माना जाता है। लाल तिपतिया घास को चाय में डाला जा सकता है और अस्थमा के लिए सुखदायक घरेलू उपचार के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है, क्योंकि इसके कफ निस्सारक गुण होते हैं।
लाल तिपतिया घास को मूत्रवर्धक माना जाता है, जो अत्यधिक द्रव संचय के शरीर को राहत देने के लिए जाना जाता है, और श्लेष्म संचय के फेफड़ों को साफ करता है, जो अस्थमा के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार साबित होता है।
7. नींबू का रस
अस्थमा के मामले में इसकी उपचार शक्ति नींबू के अद्भुत स्वास्थ्य लाभों में से एक है। नींबू में पोटैशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम के साथ विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, और यह गले के संक्रमण के कई मामलों में काम आ सकता है, श्वसन पथ के श्लेष्म झिल्ली में कफ को काटकर, सांस लेने में अच्छी राहत प्रदान करता है।
हालाँकि, हो सकता है कि आप इसमें चीनी नहीं मिलाना चाहें और उस अच्छाई को नष्ट कर दें जो प्राकृतिक नींबू पानी आपको अस्थमा के लिए एक आदर्श घरेलू उपचार के रूप में दे सकता है।
8. काली मिर्च और अदरक
एक ग्राम काली मिर्च , एक ग्राम अदरक पाउडर ले और इसे एक चम्मच शहद में मिलाकर सिरप के माध्यम से पी सकते हैं। अदरक गले और मुख गुहा क्षेत्र के लिए अच्छा है, यहां तक कि काली मिर्च गले के अंदरूनी अस्तर को शांत करती है और तीव्र अस्थमा के दौरे से राहत प्रदान करती है।
9. लहसुन और शहद
शहद की तरह लहसुन में भी औषधीय गुण होते हैं। दोनों का संयोजन अस्थमा के घरेलू उपचार के रूप में अच्छा काम करता है- आपको पानी में कुछ लहसुन की कलियां और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर उबालना होगा।
एक बार जब यह कुछ मिनटों तक उबल जाए, तो आप लहसुन की कलियों को छान सकते हैं और इस मिश्रण को अस्थमा के घरेलू उपचार के रूप में सेवन कर सकते हैं।
10. दूध और लहसुन की कलियां
एक गिलास दूध में लहसुन की एक कली डालकर उबाल लें। उबाल आने के बाद आप लौंग को निकाल कर उसका दूध पी सकते हैं। अस्थमा से अच्छी राहत मिलेंगी।
11. सरसों का तेल और कपूर
सरसों का तेल अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, अस्थमा के दौरे से ग्रस्त लोगों में प्रतिरक्षा में सुधार करता है। आप सरसों के तेल में कुछ टुकड़े कपूर मिलाकर गर्म कर सकते हैं और गर्म तेल को पीठ पर लगा सकते हैं।
12. सौढ, नागरमोथा, हरीतकी / हरड़ की गोलियां
अस्थमा अटैक से बचाव के लिए सौढ, नागरमोथा ( साइपरस स्कारियोसस ) और हरीतकी / हरड़ ( टर्मिनललिया चेबुला ) को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को गुड में मिलाकर कई छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन छोटी-छोटी गोलियों को एक-एक करके चूसते रहने से दमा का रोग समाप्त हो जाता है।
13. लहसुन
लहसुन भी अस्थमा के लिए एक लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी हैं। सर्वोत्तम प्रभाव के लिए गर्म पानी के साथ लहसुन का प्रयोग करें। दमा के रोगी लहसुन को भूनकर उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर खाने से अस्थमा की खांसी समाप्त होती है। तीस से चालीस दिन के नियमित सेवन से दमा रोग समाप्त हो जाता है।
14. अस्थमा के लिए रामबाण औषधि
आंकड़े ( आंक ) की जड़ ले और जड़ लेने के बाद जड़ से छिलका ले (बीस ग्राम ) और इस छिलके को सूखा दे। सुख जाने के बाद उसमे अजवाइन मिलाकर (बीस ग्राम) दोनो को पीसकर मिश्रण बना ले और उसमे स्वाद अनुसार सेंधा नमक मिलाएं।
इस मिश्रण की एक चुटकी सुबह, और एक चुटकी शाम को खाना खाने के तीन घंटे बाद गुन गुने पानी के साथ ले।इस मिश्रण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ ना खाए और कुछ ना पिए।
15. थाइम
थाइम को एंटी-बैक्टीरियल गुण भी माना जाता है, और आमतौर पर अस्थमा और अन्य श्वसन विकारों के लिए घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है।
अजवायन के फूल को जोड़ा जा सकता है और चाय के रूप में लिया जा सकता है, जो आपके श्वसन तंत्र के थूक को साफ करेगा और आपके ब्रोन्कियल मार्ग को राहत देगा। थाइम व्यापक रूप से विभिन्न प्रकार के गले के संक्रमण, खांसी और एलर्जी की स्थिति में उपयोग किया जाता है।
16. गर्म पानी
गर्म पानी से नहाना अस्थमा का प्राकृतिक उपचार है। इसके अलावा, भाप लेना भी अस्थमा के लिए एक अच्छा घरेलू उपचार है, वायु मार्ग को साफ करता है और जमा हुए कफ को सिस्टम से बाहर निकालता है।
17. तुलसी और शहद
तुलसी के पते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और इन्हें शहद में मिलाकर, मैश करके लेप का सेवन करें . तुलसी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-इंफ्लेमेटरी औषधीय गुण होते हैं।
18. स्कच अलसी
पानी के साथ स्कच अलसी का काढ़ा तैयार करे। तीस ग्राम अलसी और चार सौ ग्राम पानी लेकर मिश्रण बना ले। दमा के उपचार में एक एक घंटे के बाद एक एक चम्मच ले।
19. पारस पीपल
पीपल/ पारस पीपल (थेस्पेसिया पॉपुलनिया) बहुत ही गुणकारी जड़ी बूटी हैं। पीपल के सूखे छिलके का चूर्ण बनाकर दिन में तीन से चार बार गर्म पानी से ले। अस्थमा की बीमारी को खत्म करने के लिए यह बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक घरेलू उपाय।
20. आम की पीप
अस्थमा के मरीजों के लिए आम बहुत फायदेमंद होता है। आम की पीप को पीसकर महीन चूर्ण बना लें। पांच ग्राम चूर्ण रोज सुबह पानी के साथ लेने से दमा ठीक होता हैं।
21. प्याज
प्याज का इस्तमाल अस्थमा के घरेलू उपचार में भी किया जाता हैं। प्याज को पीसकर सुंगने से अस्थमा और सांस की अन्य समस्याएं दूर होती हैं।
22. सुखा अंजीर
सुखा अंजीर के पांच दाने रात को पानी में भिगोड़े और सुबह खाली पेट इसे पीसकर खाने स्वस्थमा की बीमारी कम हो जाएगी।
23. हल्दी और शहद
एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच शहद के साथ इसका पेस्ट बनाएं और इसका सेवन करें।
• अस्थमा में क्या खाना चाहिए?
विटामीन C : आम, आवला, मौसंबी, संतरा या नारंगी, टमाटर, चकोतरा, कीनू, नींबू, क्लेमेंटाइन, आदि खटे फल ज्यादा खाए क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपके शरीर में इंफेक्शन को दूर रखने में मदद करता हैं।
विटामीन A : गाजर, पपीता
विटामिन डी : दही, अंडे का पीला भाग, चीज, आदि विटामिन डी हमारे फेफड़ों के भागो को सहायता करता हैं. साथ ही सांस से जुड़े इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फल , सेब, केला, एवोकैडो, पालक, गाजर , ब्रॉकोली, शकरकंद, साबुत अनाज , ओट्स, दलिया।
• अस्थमा में क्या नहीं खाना चाहिए?
मूंगफली, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा नमक ना खाएं, पनीर और मशरूम, बोतल बंद चीजे ( अचार, पीना, नमकीन आदि, फास्ट फूड, उस आहार जिनसे आपको एलर्जी होती हैं वह नही खाना चाहिए, ओबेसिटी को बठाने वाले आहार ( वजन बठाने वाले आहार ), ऐसे आहार नही खाएं जिनसे पेट में गैस होती हैं, ऐसे खाद्य पदार्थ नहीं खाएं जिससे आपको एसिड रिफ्लेक्स की समस्या आए, ऐसे आहारो का सेवन कम करे जिसमे बहुत अधिक सोडियम हो, अधिक नमक न खाएं, शराब.
• आपके लिए कुछ विशेष : किन दिक्कतो की वजह से सांस लेने में तकलीफ होती हैं.
• Conclusion ( निष्कर्ष )
उपरोक्त दिए गए टोटकों की सहायता से आप अस्थमा को दूर कर सकते हैं। लेकिन आपको अपने खाने और पीने पर भी ध्यान देना होगा। अगर आपको कोई पुरानी या ताजी सांस की बीमारी है या कोई और समस्या हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बिना इन टोटकों को ना आजमाएं।
इस लेख में हमने आपको अस्थमा के लिए 23 जादुई टोटके, अस्थमा के लक्षण, किन वजहों से अस्थमा होता हैं, अस्थमा में क्या खाना चाहिए, अस्थमा में क्या नही खाना चाहिए के बारे में संपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप अस्थमा से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।
हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। अस्थमा के लिए 23 जादुई टोटके से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।
लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏