गरुड़ासन, जिसे ” ईगल पोज़ “भी कहा जाता है यह एक प्राचीन योग आसन है जिसका का नाम संस्कृत शब्द “गरुड़” से लिया गया है, जो हिन्दू मिथोलॉजी में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के स्वरूप को दर्शाता है। यह आसन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता हैं। इससे हमारी मांसपेशियाँ, कंधे, और कूदी मजबूत होती हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को पता नहीं हैं कि गरुड़ासन करने की विधि और लाभ ( Benefits of Garudasana Yoga in Hindi ) क्या हैं आपने ये जान लिया तो आपकी कई सारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी।
गरुड़ासन करते समय क्या सावधानी रखे
- गरुड़ासन करने से पहले इसकी संपूर्ण माहिती लें।
- अगर आपको हड्डियों और जोड़ों में चोट हैं यह आसन करने से बचें।
- इस आसन को आप नियमित तरीके से करते हैं तो आपके लिए फायदेमंद हैं।
- आसन को बनाने में जल्दी न करें। धीरे-धीरे आसन बनाने से सही स्थिति में रहना आसान होता है।
- आपको आसन करते समय दिक्कत आ रही हैं तो कुछ समय के लिए ना करें और थोड़ी देर विश्राम करे।
- जिस किसी को डायबिटीज़, लो ब्लड प्रेशर, या श्वसन सबंधित बीमारियां हैं उन्हें योगगुरु की परामर्श लेनी चाहिए
गरुड़ासन करने की विधि और लाभ : Benefits of Garudasana Yoga in Hindi
गरुड़ासन एक ऐसा आसन है जो शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के साथ-साथ आत्मा के साथ संबंधित धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है। इसका अभ्यास ध्यान, संतुलन, और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है और योगी को एक स्थिर और सामंजस्यपूर्ण जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
गरुड़ासन करने की विधि
- एक शांत जगह पर योग मैट को सेट करके इसके पर सीधे खड़े हो जाएं
- धीरे-धीरे दाएं घुटने को नीचे की तरफ़ झुकाएं.
- बाएं पैर को अपने दाएं पैर के चारों तरफ़ लपेटने का प्रयास करें.
- अब अपने पैरों की एड़ियां एक-दूसरे के ऊपर मिलाए
- आपका बायां पैर दाहिनी पिंडली के निचले हिस्से को छुए इस तरह सेट करे।
- अब दोनों हाथों को अपने कंधे की ऊंचाई तक उठाने का प्रयास करें
- अब आप ध्यान बनाए रखते हुए अपनी स्थिति में बने रहें और शांति से सांस लें।
गरुड़ासन के लाभ
1. शरीर का संतुलन बनाए रखें
गरुड़ासन एक शानदार योग आसन है जो शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है,संतुलन की वृद्धि। यह आसन हमें एक स्थिर और संतुलित स्थिति में रहने की क्षमता प्रदान करता है जिससे शरीर का संतुलन बढ़ता है। गरुड़ासन के द्वारा कई शारीरिक स्थानों की मांसपेशियों को मजबूती प्राप्त होती है
जिससे संतुलन बनाए रखना और ध्यान बनाए रखना सरल होता है। यदि यह आसन नियमित रूप से किया जाता है, तो इसमें से प्राप्त लाभ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और संतुलन की अद्भुत भावना प्रदान करता है।
2. पैरों की मांसपेशियों मजबूत बनाए
गरुड़ासन एक उत्कृष्ट योग आसन है जो पैरों की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इस आसन को करने से पैरों की जांघ, तांतु, और श्रोणि की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं, जिससे वे मजबूत बनती हैं और सही संरचना में रहती हैं। गरुड़ासन में पैरों को अलग-अलग दिशाओं में बाँधकर उन्हें संतुलित रखने की चुनौती होती है,
जिससे पैरों की मांसपेशियों को अधिक व्यायाम मिलता है और उनकी मजबूती में वृद्धि होती है। इससे साइटिका के लक्षणों को कम किया जाता है और पैरों के संरचना में सुधार होता है। यदि यह आसन नियमित रूप से किया जाता है, तो पैरों को सही सेल्फ-सपोर्ट और स्थिरता मिलती है।
3. कटिस्नायुशूल (sciatica) और गठिया (rheumatism)के लिए फ़ायदेमंद
गरुड़ासन एक शक्तिशाली योग आसन है जो कटिस्नायुशूल (sciatica) को कम करने में सहायक होता है और गठिया (rheumatism) में भी फ़ायदेमंद होता है। इस आसन में होने वाले विभिन्न स्थितियों के कारण, जांघों, पैरों और कमर की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं, जिससे संबंधित क्षेत्रों में सुधार होता है।
कटिस्नायुशूल से पीड़ित व्यक्तियों के लिए गरुड़ासन विशेष रूप से उपयुक्त होता है क्योंकि इससे कमर की मांसपेशियों में लचीलापन और तंतु में सुधार होता है। इसके अलावा, गठिया के रोगी भी इस आसन को अपना सकते हैं ताकि उन्हें संबंधित स्थानों में लचीलापन और आराम मिले।
4. कमर और पैरों को ज़्यादा लचीला बनाए
यह आसन करने से कमर और पैरों को ज़्यादा लचीला बनाता है। इस आसन को करने से कमर की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और स्थिर रहती हैं, जिससे कमर की स्थिति में सुधार होता है। यह आसन पैरों की जांघों, तांतु, और पैरों की मांसपेशियों को बहुत लाभ पहुंचाता है जिससे वे लचीले और मजबूत बनते हैं।
गरुड़ासन के द्वारा किए जाने वाले योगाभ्यास से पैरों की सुप्तता बनी रहती है और इससे बेहतर क्षमता में सुधार होता है। यदि आप योग साधना करते हैं, तो गरुड़ासन को अपनी रूटीन में शामिल करने से शारीरिक संतुलन और लचीलापन में सुधार होता है।
5. पुरुष प्रजनन अंगों के लिए फ़ायदेमंद
गरुड़ासन आसन द्रारा पुरुष प्रजनन अंगों के लिए फ़ायदेमंद होता है। इस आसन को नियमित रूप से करने से पेशाब करने वाले अंगों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है। गरुड़ासन में शरीर के विभिन्न हिस्सों को संयोजन करने से श्रोणि क्षेत्र को मिलने वाली विशेष प्रकार की मांसपेशियों को सही स्थिति में लता है, जिससे पुरुषों के प्रजनन अंगों की स्वस्थता में सुधार होता है। यदि इस आसन को सही तरीके से किया जाए, तो यह पुरुषों के लिए प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
6. पेशाब संबंधी समस्याओं से छुटकारा
यह आसन द्वारा पेशाब संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस आसन के अभ्यास से पेशाब के नियंत्रण में सुधार होता है और मूत्रसंबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। गरुड़ासन में होने वाले विशेष आसनों के कारण, पेशाब संबंधी कमजोरी और अन्य समस्याएं ठीक होती हैं। यह आसन पैदाइशील ग्रंथियों को मजबूत करने में मदद करता है जिससे यह समस्याएं सामान्यत: दूर होती हैं। हालांकि, इससे पहले किसी ने योग अभ्यास की शुरुआत करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना उचित होता है।
7. एकाग्रता बनाए रखें
इस आसन को करने से शारीरिक के साथ मानसिक स्थिति और एकाग्रता में सुधर आता हैं इसको करने से मानसिक चुनौतियों का सामना करना आसान होता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।यह आसन का उपयोग बड़े योग-आचार्यों के अनुसार मानसिक स्थिति को स्थायी बनाए रखने में सहायक होता हैगरुड़ासन का नियमित अभ्यास करने से मानसिक शांति और एकाग्रता में सुधार हो सकता है।
8. गुर्दे और गुप्त रोगों में फ़ायदा
इस आसन के अभ्यास से कमर की मांसपेशियों में सुधार होता है जो गुर्दे को सहारा प्रदान करता है। गुप्त रोगों में भी इस आसन का लाभ हो सकता है क्योंकि यह पेशाब संबंधी समस्याएं को दूर करने में मदद करता है और गुप्तांग क्षेत्र की सेल्फ-सपोर्ट को बढ़ा सकता है। गरुड़ासन का नियमित अभ्यास करने से प्राइवेट क्षेत्रों में सुधार होता है जिससे यह रोगों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, योग अभ्यास करने से पहले व्यक्ति को अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
गरुड़ासन करने से पहले यह आसन करे
- सुप्त वीरासन ( Reclining Hero Pose)
- अधो मुख श्वानासन ( Downward-Facing Dog Pose)
- प्रसारित पादोत्तासन Wide-Legged Forward Bend)
गरुड़ासन करने के बाद यह आसन करें
- उत्कटासन ( Chair Pose)
- गोमुखासन ( Cow Face Pose)
- वृक्षासन (Tree Pose)
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Conclusion ( निष्कर्ष )
ध्यान दें कि योगासनों को सही ढंग से करने के लिए एक प्रशिक्षित योग गुरु के मार्गदर्शन में अभ्यास करना अच्छा होता है। योग आसनों को धीरे-धीरे सीखें और शरीर की सीमाओं के अनुसार समय बढ़ाते रहें। अपने स्वास्थ्य और शारीरिक समर्थ के अनुसार आसन करें और जब भी आवश्यक हो, उचित सलाह के लिए एक योग गुरु से परामर्श लें।
इस लेख में हमने आपको गरुड़ासन करने की विधि और लाभ ( Benefits of Garudasana Yoga in Hindi )गरुड़ासन की सावधानियां, गरुड़ासन करने से पहले यह आसन करे, गरुड़ासन करने के बाद यह आसन करें, के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं।आशा करता हूं आप गरुड़ासन करने की विधि और लाभ ( Benefits of Garudasana Yoga in Hindi ) से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।
हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। गरुड़ासन करने की विधि और लाभ ( Benefits of Garudasana Yoga in Hindi ) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।
लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏