सर्वांगासन की विधि और 6 लाभ : Benefits of Sarvangasana In Hindi

भारतीय परंपरा में योग का बोहोत महत्त्व हैं. और उसमे सर्वांगासन योग को पावर फुल माना गया हैं. क्योकि इस योग को करने से आपकी बीमारियां तुरंत दूर भागती हैं. इस लेख में आपको सर्वांगासन की विधि और लाभ (Benefits of Sarvangasana In Hindi) से जुडी सपूर्ण जानकारी जानने को मिलेंगी।

सर्वांगासन, जिसे भारतीय योग परंपरा में “योग मुद्रा” के रूप में भी जाना जाता है, प्राचीनतम और महत्वपूर्ण योगासनों में से एक है। यह आसन प्राचीन ग्रंथों और योग संस्कृति में प्रमुख स्थान रखता है।

सर्वांगासन की विधि और लाभ : Benefits of Sarvangasana In Hindi

• सर्वागासन का इतिहास

सर्वांगासन, जिसे भारतीय योग परंपरा में “योग मुद्रा” के रूप में भी जाना जाता है, प्राचीनतम और महत्वपूर्ण योगासनों में से एक है। यह आसन प्राचीन ग्रंथों और योग संस्कृति में प्रमुख स्थान रखता है।

सर्वांगासन योगासनों में से एक है, जिसे इंग्लिश में “Shoulder Stand” के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन का उद्गम स्वामी शिवानन्द सरस्वती द्वारा हुआ था। स्वामी शिवानन्द सरस्वती ने इसे अपनी पुस्तक “आसनों का प्रयोग” में प्रकाशित किया था, जो 1903 में प्रकाशित हुई थी।

यह आसन व्यायाम, श्वास-प्रश्वास और मेंटल हेल्थ को सुधारने के लिए जाना जाता है। यह प्रणायाम प्रक्रिया को बढ़ाता है, मस्तिष्क को ताजगी देता है, थकान को कम करता है, और मानसिक तनाव को कम करके ध्यान को बढ़ाता है।

सर्वांगासन को करने के लिए स्वस्थ लोगों को इसे करने से पहले किसी योग गुरु की मार्गदर्शन और निरीक्षण के साथ करना चाहिए। इस आसन को गर्भवती महिलाएं, हार्ट रोगियों, उच्च रक्तचाप वाले लोगों, मांसपेशियों या स्केलेटल प्रॉब्लम वाले लोगों, और तंत्रिका संक्रमण वाले लोगों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए, सर्वांगासन को करने से पहले हमेशा एक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

• सर्वांगासन की विधि और लाभ से पहले ये आसन करें

  1. सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar): सूर्य नमस्कार एक पूर्ण शरीरिक वार्मअप है जो आपके शरीर को तैयार करता है और आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है। यह आपके संयम, लचीलापन, और मांसपेशियों को सुगम बनाने में मदद करता है।
  2. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana): पवनमुक्तासन पेट के गैस को निकालने में मदद करता है और आपके पाचन तंत्र को स्थिर करता है। यह आसन आपके शरीर को शांति प्रदान करता है और आपके योगाभ्यास को ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
  3. भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama): भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। यह आपके मस्तिष्क को ताजगी और सुधार की अनुभूति कराता है और ध्यान को स्थिर करता है।
  4. गोमुखासन (Gomukhasana): गोमुखासन पूरी शरीर को खींचने और मांसपेशियों को संगठित करने में मदद करता है। यह आसन पीठ के दर्द को कम करने और स्थिरता को बढ़ाने में भी सहायता करता है।
  5. हलासन (Halasana): हलासन शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और पेट, पीठ, गर्दन और पदार्थों की पथरी को निकालने में मदद करता है। यह आपके नर्वस सिस्टम को शांत करता है और मानसिक चिंता को कम करता है।

ये आसन सर्वांगासन को करने से पहले आपके शरीर को शक्ति और संयम प्रदान करेंगे। आप इन आसनों को समय देकर और सही ढंग से करें और अपने शरीर की सीमाओं का ध्यान रखें।

• सर्वांगासन की विधि और लाभ (Benefits of Sarvangasana In Hindi)

– सावधानियां :

सर्वांगासन की विधि और लाभ : Benefits of Sarvangasana In Hindi

  1. स्वास्थ्य की जांच: यदि आप किसी शारीरिक समस्या, चिकित्सा स्थिति, या अनुभव कर रहे हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें। वे आपको सर्वांगासन के लिए सलाह दे सकते हैं और आपकी स्थिति के अनुसार आवश्यक सुझाव दे सकते हैं।
  2. योग स्नान: सर्वांगासन करने से पहले, योग स्नान (शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए योगिक स्नान) करना चाहिए। इससे आपके शरीर की सफाई और पुरजोर योगाभ्यास के लिए तत्परता बढ़ती है।
  3. खाली पेट: सर्वांगासन को करने से पहले, आपका पेट खाली होना चाहिए। इससे पाचन क्रिया सुगम होती है और आप अधिक स्थिरता और आत्मसंयम प्राप्त कर सकते हैं। आप आसन करने से कम से कम 2-3 घंटे पहले भोजन करें।
  4. योग मार्गदर्शक: सर्वांगासन को सही ढंग से करने के लिए एक योग गुरु की मार्गदर्शन लेना फायदेमंद होता है। योग गुरु आपको सही तकनीक और पोषक मार्ग के बारे में बता सकते हैं और आपको सहायता कर सकते हैं जब आप आसन करते हैं।
  5. वार्मअप: सर्वांगासन करने से पहले, शारीरिक वार्मअप करना जरूरी होता है। इससे आपके संयम, लचीलापन, और मांसपेशियों की गतिशीलता बढ़ती है। आप योगासन के पूर्व योगिक आसनों और व्यायामों को कर सकते हैं जैसे कि सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, और भ्रामरी प्राणायाम।
  6. आत्मसंयम: सर्वांगासन को करते समय आपको आत्मसंयम और ध्यान की अवस्था में रहना चाहिए। मन को शांत रखें, शरीर की सुगमता को महसूस करें, और सही श्वास-प्रश्वास को ध्यान दें। यह आपके आसन को सही तरीके से करने में मदद करेगा और आपको आसन के लाभ को महसूस करने में सहायता करेगा।

– विधि :

सर्वांगासन की विधि और लाभ : Benefits of Sarvangasana In Hindi

  1. प्रारंभिक स्थिति: एक योगासन के रूप में सर्वांगासन करने से पहले एक योग मैट पर या साफ और समतल जमीन पर बैठें। पैरों को एक साथ रखें और ब्रह्मरंड्र स्थान (पीठ के बीच मांसपेशियों की एक छोटी सी गांठ) को चुनें।
  2. स्थान परिवर्तन: पैरों को सीधा रखते हुए, अपने हाथों को पीठ के साथ संपर्क करें। उच्च विन्यास चाहिए। पैरों की जगह को सुधारने के लिए हाथ का सहारा लें।
  3. पैरों को ऊपर उठाएं: धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। नीचे की ओर कदम न बढ़ाएं। अपने हाथों का सहारा लेते हुए, धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाते जाएं। हाथों को यदि संभव हो तो शरीर के पश्चिम भाग पर स्थिर रखें।
  4. समस्थिति और ध्यान: पूर्ण सर्वांगासन में, पूरी शरीर को सम्पूर्णता से ऊपर उठाएं। पूरी ध्यान और सामर्थ्य के साथ शरीर को संयमित और स्थिर रखें।
  5. विश्राम करें: सर्वांगासन को करने के बाद, शरीर को एक विश्राम अवस्था में धकेलें। आसन के पश्चिम भाग पर हाथ रखें और शरीर को संयमित और विश्रामयुक्त रखें। ध्यान और समुदाय के साथ सामर्थ्य और शांति को बढ़ाएं।

– लाभ :

सर्वांगासन की विधि और लाभ : Benefits of Sarvangasana In Hindi

  1. संवेदनशीलता को बढ़ावा: सर्वांगासन पूरे शरीर को संवेदनशील बनाता है और नर्वस सिस्टम को स्थिर करके मानसिक तनाव को कम करता है। इससे मानसिक स्थिति में सुधार होता है और चिंता और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
  2. पाचन तंत्र को सुधारें: सर्वांगासन आपके पाचन तंत्र को सुधारता है, पेट की पचासी को मजबूत बनाता है और आहार को अच्छी तरह से पचाने में मदद करता है। इसके लिए अच्छी पाचन शक्ति रखने वाले लोगों के लिए यह आसन बहुत उपयोगी होता है।
  3. सिर्कुलेशन को सुधारें: सर्वांगासन शरीर में रक्त संचार को सुधारता है। इसके द्वारा शरीर में रक्त का प्रवाह शान्त होता है और शरीर के अंगों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
  4. थायरॉयड को संतुलित करें: सर्वांगासन थायरॉयड के समान्य कार्यक्रम को संतुलित करने में मदद कर सकता है। इस आसन में गले के स्थान पर दबाव डालने से थायरॉयड ग्रंथि पर प्रभाव पड़ता है और उसके कार्यक्रम को संतुलित करता है।
  5. शरीर की कमजोरी को दूर करें: सर्वांगासन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और शरीर को स्थिर और समतल रखने में मदद करता है। इसके प्रदर्शन से आपके हड्डियाँ मजबूत होती हैं और शरीर की कमजोरी कम होती है।
  6. प्राणायाम को बढ़ावा दें: सर्वांगासन प्राणायाम को बढ़ाने में मदद करता है। यह श्वास प्रश्वास को नियंत्रित करने और श्वासायाम को सुधारने में मदद करता है.

• सर्वांगासन की विधि और लाभ के बाद ये आसन करें

  1. मत्स्यासन (Matsyasana): मत्स्यासन गर्दन, पीठ, और पेट की मांसपेशियों को खींचता है और शरीर को ताजगी देता है। यह आसन श्वासनली को मजबूत बनाता है और मन को स्थिर करता है।
  2. हस्तपादासन (Hastapadasana): हस्तपादासन पैरों की मांसपेशियों को खींचता है और पेट की चर्बी को कम करता है। यह आसन पेट की सफाई को बढ़ाता है और ऊर्जा को बढ़ाता है।
  3. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana): पश्चिमोत्तानासन पीठ की मांसपेशियों को खींचता है और पेट को दबाता है। यह आसन पाचन क्रिया को सुधारता है और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है।
  4. उत्तानासन (Uttanasana): उत्तानासन पीठ, पैरों और पीठ की मांसपेशियों को खींचता है और तंत्रिका शक्ति को सक्रिय करता है। यह आसन मानसिक तनाव को कम करता है और मन को शांत करता है।
  5. बालासन (Balasana): बालासन शरीर को विश्राम देता है और मन को शांत करता है। यह आसन थकान को दूर करता है और शरीर की ऊर्जा को स्थिर करता है।

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सर्वांगासन की विधि और लाभ : Benefits of Sarvangasana In Hindi

• Conclusion ( निष्कर्ष )

सर्वांगासन को सही ढंग से करने के लिए योग गुरु के मार्गदर्शन में योग करना आपके लिए उचित होगा। वे आपको सही ढंग से आसन करने के लिए आपकी सहायता करेंगे। सर्वांगासन करने से पहले अपने स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति का ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। अगर आप मेडिकल कंडीशन्स जैसे गर्भावस्था, हृदय रोग, शरीर के किसी भाग की समस्या आदि से पीड़ित हैं, तो पहले चिकित्सक से सलाह लेना सुनिश्चित करें।

यदि आप स्वस्थ हैं और नियमित रूप से सर्वांगासन करते हैं, तो आप इन फायदों को प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, कृपया ध्यान दें कि किसी भी नई योगाभ्यास को शुरू करने से पहले एक योग गुरु या चिकित्सक से सलाह लेना सुनिश्चित करें।

यदि आपने इन सावधानियों की बातों का ध्यान रखा, तो आप सर्वांगासन को सही ढंग से कर सकेंगे और इसके लाभों को प्राप्त कर सकेंगे। ध्यान और संयम से योगाभ्यास करना महत्वपूर्ण है ताकि आप योग के संपूर्ण प्रभाव को अनुभव कर सकें।

इस लेख में हमने आपको सर्वांगासन की विधि और लाभ (Benefits of Sarvangasana In Hindi) के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप सर्वांगासन की विधि और लाभ (Benefits of Sarvangasana In Hindi) से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।

हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। सर्वांगासन की विधि और लाभ (Benefits of Sarvangasana In Hindi) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।

लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏 

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