Conjunctivitis In Hindi

कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis In Hindi) आजकल बोहोत तेजी से फैल रहा हैं। इससे आपकी आंखे लाल हो जाती हैं। आंखे से पानी आने लगता हैं। आंख में जलन होती हैं। आंखो में सूजन आ जाती हैं। इसका जल्द से जल्द इलाज करवाना बोहोत ही आवश्यक हैं।

• जानिए क्या होता है कंजक्टिवाइटिस?

कंजंक्टाइवाइटिस, जिसे हिंदी में “आँख का लाल होना” कहा जाता है, एक आम रोग है जो आंखों की सफेदी या लालिमा में सूजन और दर्द के साथ होता है। यह आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है।

इस समस्या के लक्षणों में आंखों की लालिमा और सफेदी में सूजन, जलन और खुजली, आंखों से पानी आना, आंखों का खुलने में दिक्कत आदि शामिल होते हैं। यह एक अत्यंत संक्रामक स्थिति है, इसलिए इसका तुरंत उपचार जरूरी है।

Conjunctivitis In Hindi

• कंजक्टिवाइटिस के कारण

1. वायरल संक्रमण

वायरल संक्रमण एक मुख्य कारण है जो कंजंक्टाइवाइटिस (आँख का लाल होना) का प्रसार करता है। वायरल संक्रमण वायरसों के कारण होता है, जो आंखों की सफेदी और लालिमा में सूजन और दर्द का कारण बनते हैं। यह आमतौर पर आंखों की सतह की परत, जिसे कंजंक्टिवा कहा जाता है, पर प्रभाव डालते हैं।

वायरल संक्रमण के एक्सपोजर के बाद, वायरस आंखों के अंदर रहते हैं और अपने विकारक कार्यों को प्रारंभ करते हैं। ये विकारक कार्य आंख के सफेदी और लालिमा की सूजन, आंखों से पानी बहना, जलन और खुजली का कारण बनते हैं।

वायरल संक्रमण आमतौर पर एक से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने वाले चीजों, जैसे कि हाथ, आंखों को छूना, और संक्रमित व्यक्ति से नकली इन्सुलिन, आंख ड्रॉप्स आदि के माध्यम से फैलता है। इसलिए, संक्रमण से बचने के लिए हाथ धोने, व्यक्तिगत सामग्री का सविस्तार साफ़ करने, और संक्रमित व्यक्ति से संतुलित दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

2. बैक्टीरियल संक्रमण

बैक्टीरियल संक्रमण आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे कि संक्रमित हाथों से आंखों को छूने से या संक्रमित वस्तुओं से संपर्क करने से। इसके अलावा, नकली इन्सुलिन को साफ़ करने वाले उपकरणों के माध्यम से भी संक्रमण फैलता है।

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3. एलर्जी कंजंक्टाइवाइटिस

एलर्जी भी कंजंक्टाइवाइटिस (आँख का लाल होना) का एक आम कारण हो सकती है। यह वायु या विषैले पदार्थों, धूल, धूम्रपान, पोलेन और अन्य एलर्जीजन पदार्थों के प्रति अत्यंत संवेदनशीलता के कारण उत्पन्न होती है।

जब एक संवेदक (allergen) के संपर्क में आने पर व्यक्ति के शरीर में अविरत रूप से ऊतकों के एक समूह जिसे एंटिबॉडी कहा जाता है, के साथ अभिभूत होता है, तो इससे अविरत रूप से ये एंटिबॉडी उस संवेदक के खिलाफ लड़ने की कोशिश करते हैं, जिससे व्यक्ति को एलर्जी के लक्षणों का सामना करना पड़ता है।

4. आंख के संपर्क में आने से

संक्रमित वस्तुओं से संपर्क: संक्रमित हाथों द्वारा आंखों को छूना, संक्रमित आंखों वाले प्रकार के संपर्क लेंसेज या चश्मा का उपयोग करना और संक्रमित वस्तुओं के संपर्क से आंख के संक्रमण का खतरा होता है।

नकली इन्सुलिन को साफ़ करने वाले उपकरणों का उपयोग: नकली इन्सुलिन को चेक करने वाले उपकरणों को साफ़ करने के दौरान, अगर आंखों को छू लिया जाए तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

अस्वच्छ वातावरण: धूल, धूम्रपान, पोलेन, और धूल-मिट्टी से भरे वातावरण में रहने से भी आंखों को संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है।

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5. विशेष ध्यान न देने से

  1. जब हम अपने हाथों को धोने से पहले अपने चेहरे, खासकर आंखों को नहीं धोते हैं तो हमारे हाथों पर संक्रमण होने का खतरा रहता है। जिससे अगर हम अपनी आंखों को छूते हैं तो आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  2.  अगर हम नकली इन्सुलिन को ज्यादा से ज्यादा साफ़ करने वाले उपकरणों का उपयोग करते हैं तो इन उपकरणों पर संक्रमण बढ़ने का खतरा होता है, और इससे आंख के संक्रमण का भी खतरा होता है।
  3.  अगर हम विशेष संक्रमित वस्तुओं से संपर्क करते हैं जैसे कि धूल, धूम्रपान, पोलेन आदि, तो भी आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

• कंजक्टिवाइटिस के लक्षण

  1. आंखों में लालिमा (रेडनेस) और सफेदी में सूजन: यह एक प्रमुख लक्षण है जिसे सबसे ज्यादा देखा जाता है। आंखों की सफेदी में लाल रंग और सूजन होने से आंखें लाल हो जाती हैं।
  2. जलन और खुजली: कंजंक्टाइवाइटिस से प्रभावित व्यक्ति को आंखों में जलन और खुजली का अनुभव हो सकता है।
  3. आंखों से पानी आना: कुछ लोगों को कंजंक्टाइवाइटिस से आंखों से पानी आने की समस्या होती है।
  4. आंखों का चिपचिपा होना: आंखों का चिपचिपा होना भी कंजंक्टाइवाइटिस के एक लक्षण हो सकता है।
  5. आंखों के पलकों पर सुजन: कुछ लोगों को कंजंक्टाइवाइटिस के कारण पलकों पर सुजन हो सकती है।
  6. आंखों के अन्दर या बाहर तरल पदार्थ का अनुभव: कंजंक्टाइवाइटिस से प्रभावित व्यक्ति को आंखों के अन्दर या बाहर एक तरल पदार्थ का अनुभव हो सकता है।
  7. आंखों के दो पलकों के बीच में सफेद लाइन: यह भी कुछ कंजंक्टाइवाइटिस के तरल पदार्थ के वजह से हो सकता है।

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• डॉक्टर से कब मिले?

1) आंखे में तेज दर्द हो तो
2) आंखे में तीव्र चुभने जैसा महसूस होना
3) आंखे से थोड़ा थोड़ा कम दिखाना ( नजर धुंधली हो जाना )
4) आंख में प्रकाश को ना जेल पाना
5) आंखे हद से ज्यादा लाल हो जाना।

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– निदान

चिकित्सा इतिहास (मेडिकल हिस्ट्री): एक पेशेवर चिकित्सा व्यक्ति (डॉक्टर या नेत्र विशेषज्ञ) आपका चिकित्सा इतिहास पूर्व में हुए संक्रमण, अनुभवित लक्षण, और आपके संपर्क में आने वाले वातावरण का पता लगाने के लिए पूछेगा।

आखों का परीक्षण: नेत्र विशेषज्ञ आपकी आंखों का परीक्षण करेंगे जिसमें आपके आंखों की लालिमा, सफेदी, सूजन, और अन्य लक्षणों का मूल्यांकन किया जाएगा।

कोणाज़ाय पेपर टेस्ट: यह टेस्ट आंखों में श्वेत रंग के लालिमा और सफेदी को मापने के लिए किया जाता है।

नेत्र गोलुक के निम्न चित्रण: यह टेस्ट आपके नेत्र गोलुक को और अच्छी तरह से देखने में मदद करता है।

नेत्र नमूने के लिए संक्रमण परीक्षण: कुछ समय आपके नेत्र विशेषज्ञ आपकी आंखों के लालिमा या सफेदी की पदार्थ से संक्रमण के प्रकार को निश्चित करने के लिए नेत्र नमूने लेते हैं।

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– इलाज

आंख ड्रॉप्स: आंख के ड्रॉप्स बारे में नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श करें। वे आपको आपके लक्षणों और संक्रमण के प्रकार के अनुसार उचित आंख ड्रॉप्स प्रदान करेंगे।

एंटिहिस्टामीन दवाएं: ये दवाएं एलर्जी संबंधी कंजंक्टाइवाइटिस के इलाज में फायदेमंद हो सकती हैं।

एंटीबायोटिक्स: बैक्टीरियल संक्रमण से हुई कंजंक्टाइवाइटिस के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाएं उपयुक्त हो सकती हैं।

होट और कोल्ड कम्प्रेसेस: यदि सूजन या लालिमा है, तो होट और कोल्ड कम्प्रेसेस का उपयोग करके राहत मिल सकती है।

आराम और हाइजीन: अपनी आंखों को धोने, संक्रमित वस्तुओं से संपर्क से बचने, और हाथों को साबुन से धोने पर विशेष ध्यान दें।

नेत्रजाली और आंख के बदले जाने वाले पैड: नेत्रजाली से आंख को स्वच्छ रखने और इंफेक्शन को दूर करने में मदद मिल सकती है।

नेत्रजाली से नेत्रबद्ध विशेषज्ञ की सलाह: कुछ लोगों को गंभीर कंजंक्टाइवाइटिस के इलाज के लिए नेत्रजाली से नेत्रबद्ध विशेषज्ञ की सलाह लेने की आवश्यकता होती है।

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• कंजंक्टाइवाइटिस से बचाव

स्वच्छता और हाथों को धोना: हमेशा अपने हाथों को साबुन और पानी से धोने का ध्यान रखें। आंखों को छूने से पहले और बाद में भी हाथ धोना आवश्यक है।

आपसी संपर्क से बचें: कंजंक्टाइवाइटिस संक्रमण सहजता से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैल सकता है। इसलिए, संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें और अपने वस्त्रों, तौलिए, और अन्य सामग्री को नहीं साझा करें।

समय-समय पर नेत्रजाली का उपयोग करें: नेत्रजाली का नियमित उपयोग आंखों को स्वच्छ और रोगमुक्त रखने में मदद करता है। यह आपके नेत्रों के संक्रमण के खतरे को कम करता है।

आंखों को रखें नम: सूखी आंखें कंजंक्टाइवाइटिस के बढ़ने का कारण बन सकती हैं। लंबे समय तक एक ही स्थिति में कंप्यूटर या मोबाइल फोन का उपयोग करने से आंखों की नमी खो जाती है। इसलिए, नियमित अंतराल पर आंखें घुमाएं और बिंदुओं को देखें।

अलर्जी से बचें: यदि आपको अलर्जी है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और अलर्जी के लिए उपयुक्त इलाज करवाएं। अलर्जी कंजंक्टाइवाइटिस को संभव होने वाले संक्रमण से भी बचा सकता है।

आदर्श व्यायाम: स्वस्थ आहार और व्यायाम आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। आदर्श व्यायाम व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद करता है और इससे कंजंक्टाइवाइटिस के संक्रमण का खतरा कम होता है।

वातावरण स्वच्छता: अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायक होता है। धूल, धूम्रपान, या अन्य प्रदूषकों से बचें और अपने घर और आस-पास के क्षेत्रों की सफाई करें।

• कंजक्टिवाइटिस को दूर करने के लिए कुछ प्रो टिप्स

1) शुरुआती दिनों में आंखो को पानी से दूर रखे
2) आंखो का पानी साफ करने के लिए एक साफ कपड़े का इस्तमाल करें।
3) आंखो पर चश्मा लगाकर रखें।
4) डॉक्टर की सलाह के बिना आंखो मे किसी भी प्रकार की दवा का इस्तमाल न करें।
5) अपने हाथों से आंख को छुने की कोशिश ना करें।
6) अगर आपको कंजक्टिवाइटिस हैं तो घर में दुसरे व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें।
7) कंजक्टिवाइटिस एक वायरल इंफेक्शन हैं। इसलिए इसका इलाज जल्द से जल्द करवाएं।

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Conjunctivitis In Hindi

• Conclusion ( निष्कर्ष )

कंजंक्टाइवाइटिस के लक्षण अक्सर एक आंख में होते हैं, लेकिन कई बार यह दोनों आंखों को भी प्रभावित कर सकता है। अगर आपको इन लक्षणों में से कुछ भी अनुभव होता है, तो आपको  नेत्र विशेषज्ञ ( डॉक्टर ) से सलाह लेनी चाहिए और उचित इलाज करवाना चाहिए कंजंक्टाइवाइटिस को समय रहते इलाज न करने से गंभीरता बढ़ सकती है और इससे दूसरे व्यक्तियों को भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।

इस लेख में हमने आपको Conjunctivitis In Hindi ( कंजक्टिवाइटिस ) आंखो का लाल होना, आंखो से पानी आना के बारे में संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की हैं, आशा करता हूं आप Conjunctivitis In Hindi से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।

हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। Conjunctivitis In Hindi से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।

लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏 

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