डिजीज एक्स (Disease x virus in hindi) एक ऐसी बीमारी है जो अभी तक अज्ञात है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि यह भविष्य में एक महामारी का कारण बन सकती है। डिजीज एक्स एक प्लेसहोल्डर नाम है, जिसका उपयोग एक ऐसी बीमारी का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मानव संक्रमण के कारण होती है और मेडिकल साइंस के लिए फिलहाल अज्ञात है।
• क्या हैं? Disease x virus in hindi
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजीज एक्स एक जूनोटिक बीमारी हो सकती है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती है। पिछले कुछ दशकों में कई जूनोटिक बीमारियों, जैसे कि इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 का प्रकोप देखा गया है। जलवायु परिवर्तन और मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ती बातचीत के कारण जूनोटिक बीमारियों के प्रकोप का जोखिम बढ़ रहा है।
डिजीज एक्स के बारे में बहुत कुछ ज्ञात नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है जो तेजी से फैल सकती है। यह भी संभव है कि डिजीज एक्स के लिए कोई ज्ञात उपचार या टीका न हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय डिजीज एक्स जैसी एक नई महामारी के जोखिम को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। यह काम में महामारी की तैयारी, अनुसंधान और नवाचार शामिल हैं।
• क्या Corona से भी खतरनाक हैं Disease X
आज कल हर कोई कोरोना के कहर से उबरकर अपने नियमित कार्यक्रम व्यस्त हुआ है और इस बीच विशेषज्ञ मुताबिक कोविड-19 से भी भयानक नई महामारी आने की आशंका जता रहे है विशेषज्ञ की बात माने तो ये महामारी कोविड-19 से 7 गुना ज्यादा भयंकर हो सकती है।
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है और लगातार कई देशों में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस बीच विशेषज्ञ एक नई महामारी के आने की आशंका जता रहे हैं जो कोविड-19 से 7 गुना ज्यादा खतरनाक हो सकती है. इससे कम से कम 10 करोड़ लोगों की जान जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे डिजीज एक्स (रोग एक्स) नाम दिया है।
विशेषज्ञों ने एक नई महामारी की चेतावनी दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को डर है कि एक नई महामारी COVID-19 से भी अधिक घातक साबित हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, डिसीज COVID-19। कोरोना से कितनी खतरनाक है डिजीज एक्स?
केट बिंघम ने कहा है कि डिजीज एक्स कोरोना वायरस से 7 गुना ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगली महामारी धरती पर मौजूद किसी भी वायरस से हो सकती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1918-19 में एक महामारी फैली थी जो पहले से मौजूद वायरस के कारण हुई थी. उस वक्त दुनिया भर में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. केट बिंघम ने आगे कहा कि वैज्ञानिक वायरस के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।