कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

सभी दुखो से छुटकारा दिलाता हैं ये कपालभाति प्राणायाम. यह एक तकनीक है जो योग में प्रचलित है। “कपाल” शब्द संस्कृत में “खोपड़ी” का अर्थ होता है, और “भाति” शब्द “चमकाना” या “साफ करना” का अर्थ होता है। Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi की सहायता से आप इस प्राणायाम को आसानी से कर सकते हैं, और इसके फायदे उठा सकते हैं.

• कपालभाति प्राणायाम क्या हैं?

इस प्राणायाम के द्वारा मानव शरीर की खोपड़ी (सिर) को साफ़ करने और उसमें चमक लाने का प्रयास किया जाता है। यह प्राणायाम तीव्र और शक्तिशाली श्वास-प्रश्वास (ब्रेथिंग) तकनीक है, जिसमें ध्यान केंद्रित किए बिना जीवाणुओं, धूल, तत्वों, विषैले पदार्थों, अवशिष्ट आक्सीजन और कफ को निकालने का प्रयास किया जाता है।

इस तरीके में निरंतरता, उच्च ताल और गति का पालन किया जाता है। इस प्रक्रिया के द्वारा प्राणिक शक्ति (विटाल एनर्जी) को प्रवाहित करते हुए, शरीर में ऊर्जा की अद्यतन की जाती है।

यह प्राणायाम श्वास मार्ग के सभी भागों को संतुलित करने, साँस लेने की क्षमता को बढ़ाने, प्राणशक्ति को जागृत करने, रक्त संचार को बढ़ाने और मस्तिष्क को ताजगी प्रदान करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह दिमाग को शांति और स्थिरता प्रदान करने में भी सहायक होता है।

कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

• कपालभाति प्राणायाम का महत्व

इस प्राणायाम योग का एक प्रमुख प्राणायाम तकनीक है जो श्वासायाम, अर्थात् श्वास प्रश्वास की नियंत्रण तकनीक, में शामिल होती है। यह एक प्रकार का क्रियात्मक प्राणायाम होता है जिसमें श्वास को अधिक मात्रा में बाहर फेंकने के द्वारा श्वासनलिका की सफाई की जाती है।

कपालभाति शब्द का अर्थ होता है “कृश्च्रेशय: ब्रह्मणये” जिसका अनुवाद होता है “ब्रह्मण को प्रिय बनाने के लिए शुद्ध करना”। यह प्राणायाम न केवल श्वासनलिका को शुद्ध करने में सहायता करता है, बल्कि शरीर को ताजगी और प्राकृतिक ऊर्जा प्रदान करता है।

• कपालभाति प्राणायाम का इतिहास

कपालभाति प्राणायाम का इतिहास बहुत पुराना है और इसे हजारों वर्षों से योगी और योगिनियों द्वारा अभ्यास किया जाता रहा है। इस प्राणायाम का उल्लेख वेदों, उपनिषदों और योग शास्त्रों में मिलता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर, मन, और प्राण (श्वास) को शुद्धि और संतुलन प्रदान करना है।

यह प्राणायाम विभिन्न योग संप्रदायों में अपनी विशेषता रखता है। कपालभाति प्राणायाम का अध्ययन प्राचीन योग शास्त्रों में मिलता है, जिनमें प्रमुख रूप से योगदर्शन (Yoga Sutras) और हठयोग प्रदीपिका (Hatha Yoga Pradipika) शामिल हैं।

कपालभाति प्राणायाम को स्वामी स्वात्माराम जी द्वारा लिखित ग्रंथ “हठयोग प्रदीपिका” में विस्तार से वर्णित किया गया है। इस ग्रंथ में इस प्राणायाम को मस्तिष्क को साफ़ करने और मन को शांत करने के लिए अभ्यास करने की सलाह दी गई है।

कपालभाति प्राणायाम को मुख्य रूप से हठयोग और कुण्डलिनी योग के अंतर्गत अभ्यास किया जाता है। आजकल यह प्राणायाम भारतीय योग प्रशिक्षकों और योग प्रदर्शनीयों द्वारा विभिन्न आयोजनों में सिखाया जाता है और योग प्रशंसकों द्वारा अभ्यास किया जाता है।

कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

• कपालभाति प्राणायाम के प्रकार

• वातक्रम कपालभाति (Vatakrama Kapalabhati)
• व्युतक्रम कपालभाति (Vyutkrama Kapalabhati)
• शीतकर्म कपालभाति (Sheetkrama Kapalabhati)

• कपालभाति प्राणायाम से पहले ध्यान रखने वाली बातें

आपको कपालभाति प्राणायाम करने से कुछ समय पहले भोजन करना चाहिए। खाने के बाद या खाने के तुरंत बाद इसे न करें, कपालभाति प्राणायाम के लिए एक शांत और साफ़ स्थान चुनें। यह आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा और शांति की वातावरण सृजित करेगा, कपालभाति प्राणायाम से पहले नाक को साफ़ करने के लिए नाक स्नान करें। इससे आपकी नाक स्वच्छ रहेगी और प्राणायाम के दौरान संयम बना रहेगा,

सुखासन या पद्मासन जैसे योगासन में समायोजित होने का प्रयास करें। अपनी स्पाइन रेखा सीधी और स्थिर रखें और अपने शरीर को सुखी और आरामदायक होने दें, कपालभाति प्राणायाम के बारे में और इसके करने के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। योग गुरु या पुस्तकों द्वारा संबंधित संकेतों का अध्ययन करें और समझें, कपालभाति प्राणायाम करने से पहले आपको अपनी आंतरिक रोगों की जांच करनी चाहिए,

यदि आपको कोई गंभीर सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, तो इसे करने से पहले एक चिकित्सक की सलाह लें, किसी योग गुरु, योग आचार्य या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से पहले कपालभाति प्राणायाम करने की सलाह लें। वे आपको सही तरीके से और आपके स्वास्थ्य स्तर को मध्यस्थता में रखते हुए इसे अभ्यास करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान कर सकते हैं।

कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

• कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

सुखासन या पद्मासन जैसे योगासन में बैठें। आपकी स्पीन रेखा सीधी और स्थिर होनी चाहिए। हाथ पैरों के नीचे रखें और आंखें बंद करें. शुरूआत में नासिकाग्रचन्द्र (नाक के अंदरी भाग) को छूने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल करें या नाक सेंध के द्वारा शुद्ध करें।

अपने पेट को रिलैक्स करें और अंदर से गहरी सांस लें। फिर जोरदार रूप से अपने पेट को अंदर और ऊपर धक्का दें, जिससे आपकी सांस बाहर निकलेगी। यह धक्का तेज और जोरदार होना चाहिए। जब सांस बाहर निकलती है, तो आपको अपने पेट को ही छोड़ने देना चाहिए।

ध्यान रखें कि अंदर लेने की कोशिश न करें। उसी तरीके से प्रक्रिया को दोहराएं। यहां ध्यान रखें कि धमनियों के अंदरी भाग को छूने की कोशिश न करें, बल्कि धक्कों के साथ सांस बाहर निकलने के लिए केंद्रित हों।

शुरू में आपको स्लो और स्थिर गति में कपालभाति करनी चाहिए। धीरे-धीरे आप अपनी गति को बढ़ा सकते हैं, लेकिन अपने सीमित और स्वास्थ्यपूर्ण सीमा में रहें।प्राणायाम के दौरान सांस को गहराई से और नियमित रूप से लेने का प्रयास करें। अपनी संगति को समय-समय पर समायोजित करने के लिए अभ्यास करें।

कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

कपालभाति प्राणायाम श्वासनली को स्वच्छ, स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करता है। यह श्वासनली के रोगों, जैसे कीटाणु और कफ को निकालने में सहायक होता है। कपालभाति प्राणायाम शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाकर प्राणशक्ति को उत्पन्न करता है। यह आपको जागरूक, चैतन्य और ऊर्जावान बनाता है। कपालभाति प्राणायाम दिमाग को शांत, ताजगीपूर्ण और स्थिर करने में मदद करता है।

यह मन को शांत करता है और चिंताओं और तनाव को कम करता है। कपालभाति प्राणायाम दिल के स्वास्थ्य को बढ़ाने और अवसाद को कम करने में मदद करता है। यह मानसिक स्थिति को सुधारकर प्राकृतिक खुशी और संतुलन को बढ़ाता है। कपालभाति प्राणायाम आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।

यह पेट संबंधी विकारों, जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच को कम कर सकता है। कपालभाति प्राणायाम शरीर के अंगों, नसों और ऊतकों को शुद्ध करने में मदद करता है। यह आपके शरीर के विषाणुओं को निकालने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है.

• कपालभाति प्राणायाम करने में क्या सावधानी बरती जाएं

कपालभाति प्राणायाम एक शक्तिशाली प्राणायाम है, इसलिए इसे करने से पहले शारीरिक और मानसिक तैयारी करें। ध्यान केंद्रित करें, शांति और स्थिरता बनाए रखें। योगासनों की सही पोष्टर बहुत महत्वपूर्ण होती है।

उच्चासन के दौरान श्रीरामासन या सुखासन जैसे समर्थ आसन का चयन करें। सीधी रीढ़ बनाए रखें और सक्रिय बैठें। कपालभाति प्राणायाम के दौरान श्वास को संयमित रखने का प्रयास करें।

गहरी और शांतिपूर्ण श्वास लें, प्राणायाम के लिए अवधि को सीमित रखें। शुरुआत में छोटे समय अंतरालों के साथ शुरू करें और सामयिक बढ़ाएं। अत्यधिक श्वास-विस्तार के कारण थकान और उत्पादकता के अनुकूलता सुनिश्चित करें।

यदि आपको किसी संबंधित स्वास्थ्य समस्या की जांच हो रही है या आपके पास कोई गंभीर रोग है, तो पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें। यदि आप नए हैं या अभ्यास के लिए शुरू कर रहे हैं, तो सावधानी के साथ शुरू करें। धीरे-धीरे अपनी प्राकृतिक क्षमता को बढ़ाते जाएं और अत्यधिक प्रयास न करें.

कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

• कपालभाति प्राणायाम करने के बाद ये आसन करें

• शवासन (Shavasana)
• उत्तानासन (Uttanasana)
• भुजंगासन (Bhujangasana)

• कपालभाति प्राणायाम के 5 लाभ

1. श्वासनलिका की सफाई

कपालभाति प्राणायाम द्वारा श्वासनलिका की सफाई होती है, जिससे श्वासनलिका के अंदर जमी हुई कफ, धूल अथवा गंध को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह श्वासनलिका के प्रवाह को सुधारता है और श्वसन प्रक्रिया को स्वास्थ्यपूर्ण बनाता है।

2. प्राणशक्ति का जागरण

कपालभाति प्राणायाम श्वासनलिका के माध्यम से प्राणशक्ति को जागृत करता है। यह ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है और शरीर को ताजगी और चुस्ती महसूस कराता है।

3. आंत्र में प्रवाहित होने वाली पाचक ज्वालाओं को शक्तिशाली बनाना 

कपालभाति प्राणायाम द्वारा पाचन तंत्र को सुधारता है और आंत्र में प्रवाहित होने वाली पाचक ज्वालाओं को शक्तिशाली बनाता है। इसके द्वारा अवयवों को ऊर्जा प्राप्त होती है और आहार को अच्छी तरह से पचाया जा सकता है।

4. मानसिक शुद्धि 

कपालभाति प्राणायाम मानसिक शुद्धि को प्राप्त करने में सहायता करता है। यह तनाव को कम करने, मन को शांत करने, मनोवृत्तियों को नियंत्रित करने और मेंटल क्लैरिटी को बढ़ाने में मदद करता है।

प्राणायाम के माध्यम से शरीर का ओक्सीजन लेवल बढ़ने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और प्राकृतिक ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह शरीर को सक्रिय और ताजगीपूर्ण रखने में मदद करता हैं।

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कपालभाति करने की विधि और फायदे : Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi

• Conclusion ( निष्कर्ष )

योग का अभ्यास हमेशा किसी योग के जानकार या एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक ही करना चाहिए। इस लेख में हमने आपको कपालभाति करने की विधि और फायदे (Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi) के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।

हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। कपालभाति करने की विधि और फायदे (Kapalbhati Pranayama Steps In Hindi) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।

लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏 

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