लोगो के मन में मकरासन से जुड़े बोहोत सारे सवाल उत्पन होते हैं, जैसे की मकरासन क्या हैं? मकरासन कितनी देर करना चाहिए? मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां क्या हैं? (Makarasana Benefits In Hindi) मकरासन क्यू करना चाहिए? आदि.
आपके अभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे। मकरासन (Makarasana) संस्कृत शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “मकर की पोज़”। इस आसन को हिंदी में “मगरमच्छासन” भी कहा जाता है।
यह एक योगासन है जिसे मकर के आसान आकार के कारण इसका नाम मकरासन रखा गया है। इस आसन को करने के दौरान शरीर को मगरमछ की तरह पानी में तैरते हुए देखा जाता है।
यह आसन शरीर को आराम देता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। यह प्राणायाम तकनीक के साथ किया जाता है और शरीर को धीरे-धीरे शांति की अवस्था में ले जाता है।
• मकरासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
- स्थान: एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें जहां आप योग कर सकते हैं। अपने योगा स्थान को साफ़ और आरामदायक रखें।
- खाली पेट: मकरासन को करने से पहले, योगासन करने के लिए आपका पेट खाली होना चाहिए। आप अपना योग सत्र सुबह के समय या योग करने के कम से कम 4 घंटे बाद करें।
- सामग्री: योग माट, दण्ड (योगिक दंड), या किसी आरामदायक चटाई का उपयोग करें। आपके लिए सही उपकरण आसान करेगा और आसन को सुरक्षित और सही ढंग से करने में मदद करेगा।
- समय: सुबह के समय मकरासन करना अधिक उपयुक्त होता है। यह आपको दिन भर के शोर और तनाव से पहले शांति और समय की एक अच्छी शुरुआत देता है।
- पद्धति: योगासन को सही ढंग से करने के लिए, एक योग गुरु या अनुभवी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में करें। सही श्वासायाम और बचाव के तरीकों के बारे में जानें और उन्हें सही ढंग से अपनाएं।
- सुरक्षा: योग करते समय सुरक्षा पर ध्यान दें। योगासन के दौरान अपनी सीमाओं को जानें और अधिक दबाव न डालें। अगर आपको किसी प्रकार की चोट या अस्वस्थता की समस्या हो तो योग करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श लें।
- अवस्था: मकरासन में अपनी आवस्था पर ध्यान दें। आपको स्थिर और समय निश्चित बनाए रखना चाहिए, शांत और सुखद महसूस करना चाहिए। यदि कोई अस्वस्थता का अनुभव होता है, तो योग करना छोड़ दें और अपने शरीर की सुनें।
यदि आप किसी विशेष योग तकनीक या योग सिद्धांत के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो योग शिक्षा प्रशिक्षक या संबंधित संस्था से संपर्क करके विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
• मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां को करने से पहले ये आसन करें
- बालासन (Balasana) – बालासन या चाइल्ड पोज़ एक आरामदायक आसन है जिससे शरीर को विश्राम मिलता है और मन को शांति मिलती है।
- मर्जरी आसन (Marjariasana) – मर्जरी आसन या कैट-को-कैट पोज़ पृथ्वी ग्रास कोष्ठ (बदहज़मी) को शक्ति देता है और स्पाइनल कोलम्न (कमर की हड्डी) को संशोधित करता है।
- भद्रासन (Bhadrasana) – भद्रासन या बटकासन करने से पहले गठिया के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और पेट के आंत्र को शक्ति प्रदान करती है।
• मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां : Makarasana Benefits In Hindi
मकरासन (Makarasana) योगासन है जो कि मत्स्यासन (Matsyasana) के वैरिएशन में से एक है। यह आसन शवासन (Savasana) के साथ मध्यम योगासनों में से एक माना जाता है। यह आसन मकर (कुंडी या मछली) के आकार की प्रतीति कराता है, इसलिए इसे मकरासन कहा जाता है। यह योगासन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक फायदों के कारण प्रसिद्ध है।
– सावधानियां :
- शुरुआती स्तर पर रहें: अगर आप नये हैं योग के मामले में या अपनी शारीरिक क्षमता कम है, तो मकरासन को शुरूआत में सावधानीपूर्वक करें। धीरे-धीरे अपनी प्रयास को बढ़ाएं और अपने शरीर की सीमाओं को ध्यान में रखें।
- संतुलित हवा: मकरासन को करते समय सुनिश्चित करें कि आपके चारों ओर प्रशांत और संतुलित हवा हो। योगासन करने के लिए अपने योग स्थान को वेंटिलेटेड करें या खुले में योग करें।
- सीमित खानपान: मकरासन को करते समय भारी खाना न खाएं और बड़ी मात्रा में पानी पिएं। खाने के बाद कम से कम दो घंटे का अंतराल रखें और उसके बाद ही योग करें।
- संकेतों का ध्यान रखें: यदि आपको किसी प्रकार की चोट, घाव, पीठ दर्द, गर्भावस्था, गर्भपात, हार्ट की समस्या, प्रेशर की समस्या आदि है, तो मकरासन से पहले एक चिकित्सक से सलाह लें और योग करने के लिए उनकी मार्गदर्शन में रहें।
- ध्यान रखें: मकरासन करने के दौरान अपने शरीर की सुनें और अगर आपको किसी तरह की अस्वस्थता या असामान्य बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत योग करना बंद करें। अपने शरीर की सीमाओं को जानें और उनके अनुसार योग करें।
योग करते समय सतर्क और संवेदनशील रहें। यदि आपको किसी असामान्य परिस्थिति का अनुभव होता है, तो योग करना बंद करें और चिकित्सक से परामर्श करें। ध्यान और स्वास्थ्य के लिए योग करने से पहले अपने योग गुरु या चिकित्सक से सलाह लेना भी अच्छा रहेगा।
– विधि :
- पहले एक स्थिर और समय निश्चित स्थान ढूंढ़ें, जहां आप योगासन कर सकते हैं। यदि आप एक योग मैट (योगा आसन करने के लिए विशेष मट) हैं, तो उसका उपयोग करें।
- आराम से पृथ्वी पर समय लें और विश्राम के लिए शवासन (शवासन में आपको ऊपर लेटना चाहिए) करें।
- शवासन के बाद, अपने पेट के बल लेटें। अपनी टेंशन को धीरे-धीरे शांत करें और स्थिरता का अनुभव करें।
- अपने हाथों को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएँ और अपने सिर के नीचे रखें, जैसे आप मत्स्यासन में करते हैं। आपके हाथ आपके माथे के ऊपर होने चाहिए, जो आपको समर्थन देगा।
- अपनी पैरों को सुखाने के लिए एक ऊंची स्थिति में रखें, जहां वे एक आरामदायक स्थिति में हों।
- ध्यान दें कि आपका वजन पूरी तरह से पेट के बल होना चाहिए। यह आपके बजने को और आरामदायक बनाता है।
- अब, आपको धीरे-धीरे और सहजता से सांस लेनी चाहिए। गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। ध्यान दें कि आपकी सांस सामान्य होनी चाहिए, कोई जोर या अनुचित तनाव नहीं होना चाहिए।
- मकरासन में कुछ समय बिताएं, आप अपनी सुखद और शांति भरी स्थिति में रहें। आप इस स्थिति में कुछ मिनट या जितना समय आपको आरामदायक लगे, बिता सकते हैं।
मकरासन को आरामदायक और स्थिर भाव में करें और सभी योग आसनों को करने से पहले एक योग गुरु की सलाह लें। यदि आप किसी चिकित्सा स्थिति, जैसे गर्भावस्था, बीमारी या चोट के बारे में जानकारी रखते हैं, तो एक चिकित्सक से परामर्श करें और उनकी मार्गदर्शन में ही योग करें।
– फायदे :
- तनाव को कम करने में सहायता: मकरासन एक शांतिपूर्ण आसन है जो मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। इसके द्वारा, शरीर और मन को आराम और शांति मिलती है।
- स्पाइन और पीठ को मजबूत करने में सहायता: मकरासन स्पाइन और पीठ को मजबूत करने में मदद करता है। यह आसन अच्छी पोषण और स्थायित्व का निर्माण करने में सहायता प्रदान करता है, जिससे स्पाइन की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
- सांस लेने की क्षमता को बढ़ाने में सहायता: मकरासन करने से पुल्मनरी सिस्टम बढ़ता है, जिससे सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे श्वासनली का विस्तार होता है और फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
- डायाबिटीज को नियंत्रित करने में सहायता: मकरासन डायाबिटीज के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके द्वारा, पैंक्रियास को सक्रिय किया जा सकता है और रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
- पेट के रोगों को नियंत्रित करने में सहायता: मकरासन पेट के रोगों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसके द्वारा पाचन प्रक्रिया को सुधारा जा सकता है और अपाच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
ध्यान दें कि योगासनों को करने से पहले एक संबंधित योग गुरु के मार्गदर्शन में करना सुरक्षित और उपयोगी होता है। विशेषज्ञ के परामर्श और सही तरीके से आसन करने के लिए सही श्वासायाम तकनीक का ज्ञान होना चाहिए।
• मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां को जानने के बाद ये आसन करें
- भुजंगासन (Bhujangasana) – भुजंगासन पृथ्वी ग्रास कोष्ठ को शक्ति देता है, पीठ और कंधों को मजबूत करता है, और निचले पीठ के दर्द को कम करता है।
- शलभासन (Shalabhasana) – शलभासन या लोकुसन आसन पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, पेट की चर्बी को कम करता है, और अधिकतम श्वास धारण करने में मदद करता है।
- सेतुबंध आसन (Setu Bandhasana) – सेतुबंध आसन पृथ्वी ग्रास कोष्ठ को शक्ति देता है, पेट के अंदरी अंगों को मजबूत करता है, और पेशीय संरचना को सुधारता है।
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• Conclusion ( निष्कर्ष )
योग का अभ्यास हमेशा किसी योग के जानकार या एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक ही करना चाहिए। यदि आप किसी खास स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें।
इस लेख में हमने आपको मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां (Makarasana Benefits In Hindi) के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां (Makarasana Benefits In Hindi) से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।
हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। मकरासन करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां (Makarasana Benefits In Hindi) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।
लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏