मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग करना बोहोत फायदेमंद हैं। वैसे तो योग के कई आसन हैं लेकिन मत्स्यासन सबसे आसान और काफी लाभदायक आसन हैं। इस आसन को करने से दिमाग शांत रहता हैं, तनाव कम हो जाता हैं। इसके अलावा मत्स्यासन के बोहोत से फायदे हैं जिसे इस लेख मत्स्यासन के फायदे (Matsyasana Benefits In Hindi) में बताया गया हैं.

• मत्स्यासन क्या हैं?

मत्स्यासन योगासन का एक प्रमुख आसन है जो शरीर की पीठ को मछली के समान करता है। “मत्स्य” शब्द संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “मछली” और “आसन” शब्द का अर्थ होता है “आसन”। इस आसन को मत्स्यासन के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसे करने पर शरीर की पीठ मत्स्य (मछली) की तरह दिखती है।

मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

• मत्स्यासन का इतिहास

मत्स्यासन का इतिहास योग के प्राचीन ग्रंथों में विस्तृत रूप से वर्णित नहीं है, लेकिन इसका उल्लेख महाभारत के आदिपर्व (Adi Parva) में मिलता है। मत्स्यासन को महाभारत के महानायक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) द्वारा उपदिष्ट किया गया आसन माना जाता है। इसे एक योगासन के रूप में और भक्ति योग के अंतर्गत उपदेश के रूप में भी माना जाता है।

मत्स्यासन को उच्चकोटि के योगियों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जो ध्यान और मेधा को बढ़ाने के लिए इसका अभ्यास करते हैं। इसे पुराणिक कथाओं और तंत्रिक ग्रंथों में एक प्रमुख आसन के रूप में भी उल्लेख किया गया है।

आधुनिक योग मार्ग में, मत्स्यासन को हठ योग, आध्यात्मिक योग, और साधना के एक अहम आसन के रूप में माना जाता है। यह आसन शरीर, मन, और आत्मा को संतुलित करने में मदद करता है और ध्यान और आंतरिक शांति को प्रोत्साहित करता है।

मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

• मत्स्यासन से पहले जानें कुछ जरूरी बातें

  1. सुरक्षा के लिए पहले अपने योग गुरु या योग निदेशक से परामर्श करें। वे आपको सही तकनीक और सुरक्षा निर्देश प्रदान कर सकते हैं।
  2. मत्स्यासन को करने से पहले अपने स्थिति को सुनिश्चित करें। यदि आपके पीठ, गर्दन, हृदय, कंधे, या किसी अन्य शरीरिक या मानसिक समस्या हो, तो आपको इसे करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
  3. अपने आसन के लिए एक आरामदायक और स्थिर स्थान चुनें। एक योग मैट या किसी सामर्थ्यपूर्ण सतह पर बैठना सुविधाजनक होगा।
  4. शुरूआत में सांस लेने की तकनीक को सीखें। निःश्वास को धीरे-धीरे और स्वाभाविक रखें और उच्चकोटि में खींचें।
  5. यदि आपके लिए मत्स्यासन करना दिक्कतपूर्ण होता है, तो आप इसे बच्चों की विधि के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए, आप बैठकर पैरों को विस्तृत करके पीठ को उठा सकते हैं और हाथों को गर्दन के नीचे रख सकते हैं।
  6. ध्यान दें कि मत्स्यासन एक आसन है, न कि एक व्यायाम। यदि आपको दर्द, असहजता या किसी अन्य अनुभव होता है, तो आपको आसन को तत्परता से छोड़ देना चाहिए।
  7. अपने शरीर की सीमाओं को समझें और उन्हें आदत से बाहर निकालने की कोशिश न करें। आपको सहजता महसूस होनी चाहिए, लेकिन किसी भी प्रकार की दर्द, तनाव या अनुवांशिक अनुभव की दिक्कत होनी चाहिए।
  8. मत्स्यासन को धीरे-धीरे और ध्यानपूर्वक करें। गहरी सांस लें, अपने मन को शांत करें और अपने शरीर को ध्यान में रखें। आसन को स्थिर और सुखद बनाए रखने के लिए नियमित अभ्यास करें।

मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

• कैसे करें मत्स्यासन?

  1. सबसे पहले एक योग मैट या किसी स्थिर सतह पर बैठें। अपने पैर आपस में बंधें और अपनी पीठ को समरूपी और सुखद बनाएं।
  2. अपने हाथों को नीचे करें और अपने उंगलियों को अपनी हड्डी के पीछे रखें। अपनी पालम को सतह पर स्थिर रखें।
  3. आपके हाथों को समरूपी और सुखद बनाए रखते हुए, आपको धीरे-धीरे अपने पीठ को उठाना होगा। सांस ध्यानपूर्वक लें और अपने पीठ को समरूपी बनाए रखें।
  4. अब आपको अपने गर्दन को पिछली ओर झुकाना होगा। ध्यान दें कि आपकी गर्दन कमजोर न हो जाए और आप अपनी सुविधा के अनुसार गर्दन को कितनी ओर झुकाते हैं। आपकी गर्दन की पठनी को आपके वजन का सहारा लेना चाहिए।
  5. जब आप अपनी गर्दन को पिछली ओर झुका रहें हों, तो अपनी गर्दन की पठनी को अपने पीठ पर स्थिर करें। इससे आपको एक आरामदायक स्थिति में मत्स्यासन का अनुभव होगा।
  6. इस स्थिति में ठहरें और सांस लें। आप मत्स्यासन में ध्यान लगाने के लिए इस स्थिति में कुछ समय बिता सकते हैं।
  7. ध्यान दें कि जब आप मत्स्यासन से बाहर निकल रहे हों, तो आप अपनी गर्दन को स्थानांतरित करें और सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

ध्यान दें कि मत्स्यासन को सुरक्षित रूप से करने के लिए, आपको धीरे-धीरे और आत्मविश्वासपूर्वक अपने शरीर की सीमाओं तक जाना चाहिए। यदि आपको दर्द, असहजता या किसी अन्य समस्या का अनुभव होता है, तो कृपया आसन को तत्परता से छोड़ दें और अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

• मत्स्यासन के फायदे ( Matsyasana Benefits In Hindi )

मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

  1. मत्स्यासन के फायदे में स्पीनल अलाइनमेंट : मत्स्यासन आपकी पीठ (स्पाइन) को विस्तार करने में मदद करता है और सही स्पीनल अलाइनमेंट को प्रोत्साहित करता है। यह आपकी पीठ की मजबूती और लचीलापन बढ़ाता है।
  2. मत्स्यासन के फायदे में पीठ की कठिनाइया : मत्स्यासन से पीठ की सख्तियों और टक्करों में कमी होती है। यह उच्च और निम्न स्पीनल वक्रता, खींचाव, और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. प्रोस्टेट, फिशर और श्वेत प्रदर को कम करता है: मत्स्यासन प्रोस्टेट संबंधी मुद्दों, फिशर और श्वेत प्रदर जैसी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  4. मत्स्यासन के फायदे में थायराइड : मत्स्यासन मानसिक संतुलन को बढ़ाने के साथ-साथ थायराइड को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  5. स्नायुशक्ति को बढ़ाता है: मत्स्यासन आपकी स्नायुशक्ति को सक्रिय करता है और शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है।
  6. मत्स्यासन के फायदे में दिमाग शांत : मत्स्यासन में बैठने से आपके दिमाग को शांति मिलती है और चिंता और तनाव को कम  करने में मदद मिलती है।
  7. मत्स्यासन के फायदे में स्ट्रेस कम : मत्स्यासन शरीर के संरक्षण तंत्र को प्रभावित करके आपको तनाव, चिंता और स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है।

याद रखें कि योगासन के लाभ सबके लिए एक सामान्य होते हैं, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्तर पर भिन्न हो सकते हैं। यदि आप किसी विशेष समस्या से पीड़ित हैं, तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें और उनकी सलाह के अनुसार आसन करें।

• मत्स्यासन करने में क्या सावधानी बरती जाएं

मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

  1. शरीर की सीमितता: ध्यान दें कि यदि आपके शरीर में किसी प्रकार की गठिया, तनाव, पीठ या गर्दन की समस्या है, तो मत्स्यासन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें। आसन को सही ढंग से करने के लिए अपने शरीर की सीमितताओं को समझें और उन्हें नजरअंदाज न करें।
  2. ध्यान और संतुलन: मत्स्यासन के दौरान ध्यान और संतुलन को बनाए रखें। इसके लिए सम्भावित हो तो योगासन को शांत और चित्त को स्थिर रखने वाले स्थान पर करें।
  3. दर्द और अस्वस्थता: यदि आपको पीठ, गर्दन, कंधे या घुटनों में दर्द या अस्वस्थता महसूस होती है, तो मत्स्यासन करने से पहले आपको उसे छोड़ने या समय लगाने की आवश्यकता हो सकती है। अपने शरीर की सुनें और उसे अत्यधिक दबाव से बचाएं।
  4. सांस लेने की विधि: मत्स्यासन के दौरान सांस लेने की विधि को समझें। धीरे से और नियमित शांवास-अधमान शांवास के माध्यम से सांस लें। शांवास को अत्यधिक दबाव से न भरें।
  5. दृष्टि स्थिरता: योगासन करते समय आपकी दृष्टि स्थिर और सामंजस्यपूर्ण होनी चाहिए। मत्स्यासन में, आप अपनी आंखें बाईं तरफ देख सकते हैं।
  6. अपनी शक्ति के अनुसार करें: अपनी शक्ति और लचीलापन के मान्य क्षेत्र में मत्स्यासन को करें। अगर आप नए हैं तो आसन को धीरे-धीरे और ध्यान से करें।

• मत्स्यासन करने के बाद ये आसन करें

  1. बालासन (Balasana): इस आसन में आप अपने घुटनों पर बैठते हैं और अपने शरीर को आगे की ओर झुकाते हैं ताकि आपकी सांस और मन शांत हों। यह आसन शरीर को विश्राम और मन को स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है।
  2. ब्रह्ममुद्रा (Brahmamudra): इस आसन में आप बैठते हैं और अपने आंखों को धीरे-धीरे बंद करते हैं। यह आसन मन को शांत करने, मेंटल क्लेरिटी को बढ़ाने और ध्यान में समाये रहने में मदद करता है।
  3. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana): इस आसन में आप अपनी पैरों को गुदा के पास खींचते हैं और अपने घुटनों को छाती के पास आधे सिरे लाते हैं। यह आसन पाचन को सुधारने, पेट को ठीक करने और गैस को निकालने में मदद करता है।

• किस बीमारियों के लिए जरूरी हैं मत्स्यासन

मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

  1. धमनी संकुचन (Arterial Constriction): मत्स्यासन धमनीयों को खोलकर खून के प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसे हार्ट संबंधित समस्याओं जैसे कि हार्ट बीमारी या उच्च रक्तचाप के लिए भी अच्छा माना जाता है।
  2. स्त्री स्वास्थ्य (Women’s Health): मत्स्यासन पीरियड्स के समय या मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को लाभ पहुंचा सकता है। इसके माध्यम से पीठ और घुटनों को मजबूती मिलती है, और पीठ और पेट के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. स्कोलियोसिस (Scoliosis): मत्स्यासन स्कोलियोसिस जैसी कमर या स्पाइन के विकृति को सुधारने में सहायक हो सकता है। यह आसन पीठ के मांसपेशियों को तान और मजबूत करने में मदद कर सकता है और स्पाइन को सही स्थिति में स्थिर रखने में मदद कर सकता है।
  4. श्वासनली संबंधी समस्याएं (Respiratory Issues): मत्स्यासन हाइपरवेंटिलेशन और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वासनली संबंधी समस्याओं को सुधारने में मदद कर सकता है। यह सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है और फेफड़ों के विस्तार को बढ़ाता है।
  5. नसों की कठोरता (Stiffness): मत्स्यासन शरीर की नसों को खोलकर और तान कम करके नसों की कठोरता को कम कर सकता है। यह पैक और कंधों में जमी हुई तनाव को हटाने में मदद कर सकता है।

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मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi

• Conclusion ( निष्कर्ष )

योग का अभ्यास हमेशा किसी योग के जानकार या एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक ही करना चाहिए। यहां दी गई बीमारियाँ केवल कुछ उदाहरण हैं और मत्स्यासन अन्य शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यदि आप किसी खास स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें।

इस लेख में हमने आपको मत्स्यासन के फायदे (Matsyasana Benefits In Hindi) के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप मत्स्यासन के फायदे : Matsyasana Benefits In Hindi से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।

हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। मत्स्यासन के फायदे (Matsyasana Benefits In Hindi) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।

लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏

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