सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे? जाने पूरी जानकारी : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

साँस लेने में दिक्कत होना एक गंभीर समस्या हैं. ये समस्या बोहोत कष्टदायक होती हैं. साँस लेने की समस्या के पीछे बोहोत सारे कारण जिम्मेदार होते हैं, जैसे की अस्थमा, खासी, ज्यादा चलने के कारण, तेज दौड़ने के कारण, वायु प्रदूषण के कारण, एलर्जी के कारण आदि. बोहोत सारे लोगो का मानना हैं की इस समस्या में साँस फूलने और साँस चढ़ने जैसा अनुभव होता हैं।

ऐसी खतरनाक बीमारी को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। इसका जल्द से जल्द कुछ अच्छा उपाय करना बोहोत जरूर हैं. जो आपको सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे? (Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare) की सहायता से आसानी से मिल जाएगा। आपको सिर्फ कुछ अच्छे कदमों को फॉलो करना होगा।

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे? जाने पूरी जानकारी : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

अगर आपको भी सांस लेने में दिक्क्त आ रही हैं तो उन उपायों का प्रयोग कर सकते हैं तो आहिये जान ते हैं वो कौन से उपाय हैं।

1. जादुई जीरा

एक गिलास पानी को गर्म करे थोड़ा पानी गरम होने के बाद उसमे एक चम्मच जीरा डाले उसे 5–10 मिनिट गरम करे गरम हो जाने के बाद इसे एक गिलास में डालकर थोड़ा ठंडा होने दे फिर इस में दो काली मिर्च का पाउडर डाले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करे। इसे पंद्रह दिन में एक बार पिएं।

2. चुकंदर

चुकंदर का ज्यूस बनाकर पीएं। चुकंदर की सब्जी ज्यादा खाएं।

3. अदरक

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

अदरक के तीन चार टुकड़े ले और इसे दो गिलास पानी के साथ उबाले। उबलने के बाद पानी को छान लें फिर पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर इसे पिएं। आपको सांस लेने में जो दिक्कत हैं वो ठीक हो जाएगी।

4. ब्लैक कॉफी

दिन में एक से दो बार ब्लैक कॉफी जरूर पीएं. दूध में हल्दी, सिलाजित, चवनप्रास मिलाकर सुबह खाली पेट ले।

5. भाप

दो गिलास पानी को गर्म करे। गर्म हो जाने के बाद इस पानी का भाप ले और ये दिन में तीन से चार बार करे।

6. हरी [पत्तेदार सब्जियां

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

अगर आपको सांस लेने में ज्यादा दिक्क्त आ रही हो तो आपको हरी सब्जिया और फल का सेवन करना चाहिए जैसे कि साग, पालक, गाजर, शलजम, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, बैगन,आलू, फूल गोभी, मटर, कटहल आदि का सेवन करना चाहिए।

7. तुलसी

तुलसी के दस से पंद्रह पत्ते ले और उसे पानी से साफ कर दे (यानी के धो ले) धो लेने के बाद तुलसी के पत्ते को भून दे (पीस दें)। भून जाने के बाद उसमें एक चम्मच शहद मिलाए और इसे सुबह चाय या कॉफी पीने के आधे घंटे पहले इसका सेवन करना हैं।

8. पंचम मृत

तीन हरी इलायची ले उसे थोड़ा सा भून लें, आधा चम्मच अजवाइन ले, आधा चम्मच सौंफ ले, और पांच से सात फेड केसर ले, इन सभी को एक गिलास पानी के साथ उबाल ले ( पांच से दस मिनिट ) उबाल लेने के बाद इसको थोड़ा ठंडा होने दें। फिर इस में एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस डालें और इसे रात को सोने से पहले इसका सेवन करे। इसको तीन दिन में एक बार करे।

9. लॉन्ग और काली मिर्च

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दस टुकड़े काली मिर्च के ले, दस टुकड़े लॉन्ग ले, इन दोनो को एक गिलास पानी के साथ गर्म कर लें (8 मिनिट) गर्म करने के बाद इसे छान ले और इसे थोड़ा ठंडा होने दे। ठंडा होने के बाद इसमें दो चम्मच शहद डाले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।

10. रोटी का सेवन करें

आपको जब ज्यादा भूख लगे तब आपको हल्दी की सब्ज़ी, मैथी की सब्जी और चने के बेसन से बनी रोटी खाएं।

11. पीपल के पत्ते

दो पीपल के पत्ते ले। उसे साफ पानी से धो ले फिर इस पत्तो को अच्छे से भून दें (पीस दें)। भून जाने के बाद इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और इन दोनो का मिश्रण तैयार कर ले। फिर इस मिश्रण को थोड़ा थोड़ा करके चाटे और इस बनाए हुएं मिश्रण को चाट के खतम कर दें। इस मिश्रण को लेने के बाद आधा घंटा कुछ न खाएं।

12. लहसुन

सर्वोत्तम प्रभाव के लिए गर्म पानी के साथ लहसुन का प्रयोग करें। दमा के रोगी लहसुन को भूनकर उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर खाने से अस्थमा की खांसी समाप्त होती है। 30 से 40 दिन के नियमित सेवन से दमा रोग समाप्त हो जाता है।

13. आंक की जड़

आंकड़े ( आंक ) की जड़ ले और जड़ लेने के बाद जड़ से छिलका ले (20 ग्राम ) और इस छिलके को सूखा दे। सुख जाने के बाद उसमे अजवाइन मिलाकर (20 ग्राम) दोनो को पीसकर मिश्रण बना ले और उसमे स्वाद अनुसार सेंधा नमक मिलाएं। इस मिश्रण की एक चुटकी सुबह, और एक चुटकी शाम को खाना खाने के 3 घंटे बाद गुन गुने पानी के साथ ले।

14. सरसों का तेल

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थोड़ा सा सरसों का तेल ले और उसमें कपूर मिला दे। इस मिश्रण को हल्का गर्म कर लें। इस मिश्रण को छाती पर मालिश करें, जिससे आपकी छाती को गर्मी का एहसास होगा और सांस लेने में आसानी होगी।

15. हल्दी पाउडर

एक चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास पानी के साथ ले। ऐसा 14 दिन तक दिन में तीन बार करे। लक्षण में कोई सुधार न होने पर आप खुराक को दोगुना कर सकते हैं। हल्दी में मौजूद फाइटोकेमिकल करक्यूमिन सांस को राहत दिलाने में काफी फायदेमंद होता है।

16. प्याज

प्याज का इस्तमाल अस्थमा के घरेलू उपचार में भी किया जाता हैं। प्याज को पीसकर सुंगने से अस्थमा और सांस की अन्य समस्याएं दूर होती हैं।

17. ध्यान मुद्रा करें

ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। और अपने हाथो को मस्तिक के सामने लाना है और सांस भरते भरते अपने हाथों को पीछे की और ले जाना हैं। और सांस छोड़ते छोड़ते अपने हाथों को फिर से मस्तिष्क की और लाना हैं। ऐसा दस मिनिट तक करना हैं।

जो ज्यादा सांस की बीमारी से परेशान हैं वो सांस को धीरे धीरे अंदर बाहर करे। और सांस की गंभीर बीमारियों से जो व्यक्ति परेशान है वो अपने चिकित्सा की सलाह लेकर ही इसे करना चाहिए।

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। और अपने हाथो को मस्तिष्क के सामने लाएं और सांस को भरते भरते अपने हाथो को आजू बाजू से होकर पीछे की और ले जाएं और अपनी गर्दन को भी पीछे की और जुकाकर रखे और सांस छोड़ते छोड़ते अपने हाथों और गर्दन को मस्तिष्क की और वापस लाएं। और इसे भी दस मिनिट करे।

कुछ लोगो को शुरू शुरू में सिरदर्द हो सकता हैं अगर सिरदर्द हो रहा है तो अपनी गति को कम कर दे। अगर बोहोत ज्यादा सिरदर्द हो रहा है तो लंबा सांस ले और फिर लंबा सांस छोड़ दे और सो जाएं और उस दिन इसे न करे और दूसरे दिन थोड़ी गति बढ़ाए। थोड़ी थोड़ी गति रोज बठाए ऐसा दस दिनों तक करने से आपको आदत हो जाएगी।

साँस लेने की दिक्कत की समस्या को रोकने के लिए चमत्कारी प्राणायाम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

प्रारंभिक स्थिति अर्धपद्मासन, पद्मासन अथवा किसी अन्य सुविधाजनक ध्यान संबंधी आसन में बैठें। शरीर को सीधा रखें और हाथों को अपने सामने घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे : Sans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

  • दायाँ हाथ उठाएँ और दाएँ हाथ के अँगूठे से दायाँ नासाछिद्र बंद करें।
  • बाएँ नासाछिद्र से धीरे-धीरे श्वास अंदर लें।
  • दाएँ नासाछिद्र पर से अँगूठे का दबाव हटाएँ। अब बाएँ नासाछिद्र को अनामिका और छोटी अँगुली से बंद करें और दाएँ नासाछिद्र से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें। अब
  • सीधे नासाछिद्र से धीरे-धीरे श्वास अंदर लें।
  • दाएँ नासाछिद्र को अँगूठे से बंद करें और धीरे-धीरे बाएँ नासाछिद्र से श्वास छोड़ें।

यह अनुलोम-विलोम प्राणायाम का एक चक्र है। इसे पाँच बार दोहराएँ।

Conclusion ( निष्कर्ष )

अगर आप पहले भी अस्थमा या दमा के शिकार हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बिना इन उपायों का इस्तमाल नहीं करना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए दी गई हैं. इन उपायों को करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

साँस लेने में दिक्कत की समस्या बोहोत खतरनाक और गंभीर समस्या हैं। अगर इन उपायों को करने के बाद भी साँस लेने में दिक्क्त की समस्या दूर नहीं होती हैं। तो आपको किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

इस लेख में हमने आपको सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे? ( sans lene me dikkat ho to kya kare) सांस लेने में दिक्कत के उपायों के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे? ( sans lene me dikkat ho to kya kare) से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।

हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे? ( sans lene me dikkat ho to kya kare) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।

लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏

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