“शीतली” शब्द का मतलब हैं “ठंडा” यानी की हमारे शरीर को शांत और शीतलता देने की प्रक्रिया। शीतली शब्द को शीतल से लिया गया हैं। और शीतली प्राणायाम को करना भी बोहोत आसान हैं. फिर भी लोगो के मन में शीतली प्राणायाम से जुड़े बोहोत सारे सवाल उत्पन होते रहते हैं जैसे की शीतली प्राणायाम क्या हैं, शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता है (Shitali Pranayama In Hindi ), शीतली प्राणायाम को कब करना चाहिए, शीतली प्राणायाम किस उम्र के लोगो करना चाहिए आदि. अगर आपके मन में भी ये सारे सवाल उत्पन होते हैं. तो आपके सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे।
गर्मी की वजह से हमें बोहोत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं। कभी कभी तो गर्मी की सीमा इतनी बड़ जाती हैं की पंखे और कूलर भी काम करना बंद कर देते हैं। इन गर्मियों में आप अपने शरीर को ठंडा रखना चाहते हैं तो आपको शीतली प्राणायाम का सहारा लेना होगा। शीतली प्राणायाम करने से आप पूरे दिन अपने शरीर को ठंडा महसूस करेंगे।
• शीतली प्राणायाम करने से पहले क्या सावधानी बरतें
1. साफ व स्वच्छ जगह पर करें : इस प्राणायाम को साफ और स्वच्छता वाली जगह पर की करना चाहिए, जेसे की आपके घर मे कोई ऐसी जगह हो जो साफ, स्वच्छ और बिलकुल शांत हो। और इसे पार्क में भी किया जा सकता हैं। ज्यादातर लोग पार्क में ही इस प्राणायाम को करना पसंद करते हैं क्योंकि पार्क में ताजी हवा आपको मिल सकें।
इस प्राणायाम को साफ जगह पर इसलिए करने की सलाह दी जाती हैं क्योंकि गंदकी वाली जगह पर करने से आप प्रदूषित हवा को अपने शरीर मे पोहचाते हैं। और इसकी वजह से आपको बोहोत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए इस प्राणायाम को साफ व स्वच्छ जगह पर ही करना चाहिए।
2. लंबे समय तक न करें : इसको लंबे समय तक नहीं करना चाहिए क्योंकि मुंह के द्वारा जब कोई सांस को लेता हैं तब वायु के साथ साथ प्रदूषित हवा भी शरीर में चली जाती हैं। इसलिए इस प्राणायाम को लंबे समय तक नहीं करना चाहिए.
3. सर्दियों के समय न करे : सर्दियों के मौसम में इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे हमारे शरीर का तापमान ठंडा होता हैं। और सर्दियों के मौसम में तापनाम प्राकृतिक रूप से ठंडा ही होता हैं इसलिए शीतली प्राणायाम को सर्दियों के मौसम में बिल्कुल नही करना चाहिए।
4. हमेशा गर्मियों के दिनों में ही करें : हमेशा शीतली प्राणायाम को गर्मियों के दिनों में ही करना जरूरी हैं, क्योंकि हमारे शरीर का तापमान गर्मी की वजह से काफी बढ़ा हुआ होता हैं। इसलिए शरीर के तापमान को ठंडा करने के लिए शीतली प्राणायाम को करना चाहिए।
• शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता है (Shitali Pranayama In Hindi)
- किसी शांत और आरामदायक ध्यान करने की स्थिति में बैठ जाएं।
- अपने दोनो हाथो को घुटनों पर रखे।
- आंखे बंध कर लें और अपने पूरे शरीर को शिथिल करने की कोशिश करें।
- जितनी जीभ को बाहर निकाल सके उतनी जीभ को मुंह से बाहर निकाले।
- फिर अपनी जीभ को आगे से फोल्ड ( Round ) करें फोल्ड की हुई जीभ से सांस को अंदर लें।
- सांस लेने के अंत में, जीभ को मुंह में वापिस अंदर लें ले और आंखे बंद करके नाक के माध्यम से सांस को धीरे धीरे बाहर निकाले।
- सांस लेने के समय ध्वनि उत्पन्न होनी चाहिए जीभ और मुंह मे आपको शीतलता महसूस होने लगेगी।
- इस प्राणायाम को एक बार किया हैं। इस प्राणायाम को एक दिन में सुबह दस बार करना हैं।
• शीतली प्राणायाम के फायदे
- हमारे शरीर को रिलेक्स करता हैं।
- मगज की थकावट को कम करता हैं जिसे हमारी नींद बेहतर होती हैं।
- हमारे लिवर को उत्तेजित करता हैं, जिसे पाचन तंत्र मजबूत हों।
- आपके स्किन को ग्लो करने में मदद करता हैं और साथ ही साथ आपके पिंपल को दूर करता हैं।
- गुस्से को कम करता हैं।
- शरीर के तापमान को कम करने में आपकी मदद करता हैं।
- सिर को शीतल करता है और प्यास बुझाता है।
- गले और तिल्ली के रोग दूर होते हैं।
- अपच, अम्लपित्त जैसे पित्त रोगों को दूर करता है।
- पाचक रसों को शरीर से निकालकर रक्त को शुद्ध करता है।
- आप पूरे दिन अपने आपको तरोताजा महसूस करते हैं।
• किन लोगो को ये प्राणायाम नही करना चाहिए?
- जिन लोगो को लो बीपी ( Low BP ), अस्थमा ( Asthma ), ब्रोंकाइटिस ( Bronchitis ) बलगम ( Wet Cough ) की समस्या हैं, उन्हें शीतली प्राणायाम ना करने की सलाह दी जाती हैं।
- सर्दियों के मौसम में इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए।
- मानसिक रूप से बीमार व्यक्त्ति को इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए
• एक्सपर्ट की लें राय ताकि फायदा हो, न की नुकसान
हमेशा एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही शीतली प्राणायाम प्राणायाम को करना चाहिए क्योंकि ऐशा करने से आप प्राणायाम के फायदे का आनंद ले सकते हैं। और गलत जानकारी से भी आप दूर रह सकते हैं। अगर आपको शीतली प्राणायाम से जुड़ी और बातों को जानना और समझना हैं तो आपके आसपास किसी अच्छे योग के एक्सपर्ट ( विशेषज्ञ ) से जाकर मिले।
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• Conclusion ( निष्कर्ष )
इस लेख में हमने आपको शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता है, शीतली प्राणायाम के फायदे, शीतली प्राणायाम करने से पहले बरते कुछ सावधानी, शीतली प्राणायाम किन लोगो की नही करना चाहिए के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता हैं? से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।
हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता हैं? से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।
लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏