सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

सूर्यभेदी प्राणायाम (Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi) योग शास्त्र में एक प्राणायाम का प्रकार है। इसका अर्थ होता है “सूर्य के माध्यम से विश्राम करना”। इस प्राणायाम में, ध्यान को सूर्य चक्र के माध्यम से एक स्थिर तत्व के साथ जोड़ा जाता है।

• सूर्यभेदी प्राणायाम क्या हैं?

इस प्राणायाम को सूर्य प्राणायाम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें, व्यक्ति सूर्य नाड़ी के माध्यम से सांस लेता है और चंद्र नाड़ी के माध्यम से बाहरी सांस छोड़ता है। सूर्य नाड़ी को ऊर्ध्व और चंद्र नाड़ी को अधो नाड़ी के रूप में भी जाना जाता है।

इस प्राणायाम को करने से मान्यता है कि यह शरीर, मन और आत्मा को शक्ति देता है, मन को शांति प्रदान करता है और मेंटल क्लैरिटी और कोण्फिडेंस को बढ़ाता है। यह प्राणायाम सांस लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करके शरीर के ऊर्जा को संतुलित करने का मार्ग प्रदान करता है और नई ऊर्जा को अपनाने में मदद करता है।

इसे नियमित रूप से करने से शरीर की क्षमता में वृद्धि होती है, मनःशांति मिलती है और मेंटल फोकस बढ़ता है। यह एक प्राणायाम की तकनीक है जो योगियों द्वारा अभ्यास की जाती है ताकि वे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकें।

सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• सूर्यभेदी प्राणायाम का इतिहास

सूर्यभेदी प्राणायाम योग का इतिहास प्राचीन भारतीय योग शास्त्र के अनुसार बहुत प्राचीन है। योग का प्रचलन भारत में हजारों वर्षों से हो रहा है और यहां बहुत सारे प्राणायाम तकनीकों का विकास हुआ है।

सूर्यभेदी प्राणायाम का उल्लेख पहली बार वेदों में मिलता है। वेदों में प्राणायाम की महत्वपूर्ण भूमिका है और विभिन्न प्राणायाम तकनीकों का वर्णन किया गया है। सूर्यभेदी प्राणायाम का वर्णन उपनिषदों में भी मिलता है, जैसे कि गुप्तोपनिषद और योगतत्त्व उपनिषद।

योग सूत्र में भी सूर्यभेदी प्राणायाम के विषय में उल्लेख किया गया है। महर्षि पतञ्जलि के द्वारा लिखित योग सूत्रों में प्राणायाम का विस्तृत वर्णन है और सूर्यभेदी प्राणायाम इसका एक महत्वपूर्ण अंग है।

आधुनिक समय में योग का प्रचार और प्रचलन हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप सूर्यभेदी प्राणायाम का भी लोगों द्वारा अधिक अभ्यास किया जाने लगा है। योग की विभिन्न प्रकारों में से एक रूप में सूर्यभेदी प्राणायाम व्यापक रूप से अभ्यास किया जाता है और इसके लाभों को मान्यता दी जाती है।

इस प्रकार, सूर्यभेदी प्राणायाम योग का इतिहास बहुत प्राचीन है और विभिन्न योग लेखकों और शास्त्रों में उल्लेखित है। यह योग का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है और आज भी लोगों द्वारा अभ्यास किया जाता है।

सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• सूर्यभेदी प्राणायाम से पहले जानें कुछ जरूरी बातें

  1. समर्पण: योग को करते समय समर्पित और ध्यानयोगी भावना को बनाए रखें। योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, इसलिए इसे समर्पित और आंतरिक अनुभव के साथ अभ्यास करें।
  2. गुरु की मार्गदर्शन: सूर्यभेदी प्राणायाम की सही तकनीक और विधि को सीखने के लिए एक अनुभवी योग गुरु के मार्गदर्शन का लाभ लें। गुरु के संपर्क में होने से आपको सही और सुरक्षित तरीके से प्राणायाम करने में मदद मिलेगी।
  3. शुद्धि: प्राणायाम करने से पहले शरीर की शुद्धि और स्नान करें। योग अभ्यास के लिए शुद्ध और स्वच्छ शरीर आवश्यक है।
  4. सामरिक तैयारी: योग अभ्यास के लिए सामरिक तैयारी करें। आरामदायक और सुन्दर स्थान का चयन करें, जहां आप शांति और ध्यान के लिए अवकाश पा सकें।
  5. नियमितता: सूर्यभेदी प्राणायाम को नियमित रूप से करें। योग अभ्यास को नियमितता से और निरंतर अभ्यास करना चाहिए ताकि आपको उसके लाभ मिल सकें।
  6. सुरक्षा: अपनी शरीर की सीमाओं को ध्यान में रखें और अधिक तनाव न लें। योग अभ्यास करते समय शारीरिक तनाव को नियंत्रित करें और सुरक्षित रहें।
  7. स्वास्थ्य संबंधी परामर्श: किसी ऐसे चिकित्सा विशेषज्ञ या योग गुरु से संपर्क करें जो आपके स्वास्थ्य स्तर पर आधारित योग अभ्यास की सलाह दे सकते हैं। यदि आपमें किसी खास स्वास्थ्य समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• सूर्यभेदी प्राणायाम करने की विधि

  1. आसन: सबसे पहले एक आसन चुनें जो आपके लिए सुखद और स्थिर हो। पूर्वोत्तानासन (पश्चिमोत्तानासन), पद्मासन, वज्रासन या सुखासन जैसे आसनों का चयन कर सकते हैं।
  2. शांति स्थिति: अपने आसन पर बैठें और धीरे से अपनी आंखें बंद करें। ध्यान और सामरिकता के लिए शांति की एक स्थिति अपनाएं।
  3. नासिकाग्र द्रष्टि: अपने अंगूठे को अपने अन्य उंगलियों पर रखें और उसे आपकी नाक के मुख की ओर देखें। यह नासिकाग्र द्रष्टि के रूप में जाना जाता है।
  4. श्वास की नियंत्रण और समय: आपकी श्वास की गति को नियंत्रित करें और श्वास को समय के साथ मिलाएं। अपनी श्वास को सामान्य और गहरी बनाएं, ज्यादा नहीं।
  5. प्राणायाम की संख्या: सूर्यभेदी प्राणायाम को शुरू में 3-5 बार करें। धीरे-धीरे अपनी प्राणायाम संख्या को बढ़ाते जाएं, जब तक आप आराम से 10-15 बार कर सकें।
  6. विश्राम: प्राणायाम के बाद विश्राम करें और आराम से बैठें। अपने शरीर और मन को ध्यान में लाएं और शांति का आनंद लें।

सूर्यभेदी प्राणायाम योग को नियमित रूप से अभ्यास करने से आप अपने प्राण शक्ति को बढ़ा सकते हैं, मानसिक स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं और शरीर को शांति और संतुलन प्रदान कर सकते हैं। यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• सूर्यभेदी प्राणायाम करने में क्या सावधानी बरती जाएं

  1. सही पोजीशन: सुनिश्चित करें कि आप सही आसन में बैठे हैं। अपनी स्पाइनल को सीधा रखें और सुखद आसन चुनें जो आपके लिए संगठित हो।
  2. ध्यान केंद्रित करें: अपने मन को योगासन और प्राणायाम पर केंद्रित करें। बाहरी विचारों को ध्यान से हटा दें और वर्तमान क्षण में स्थिर रहें।
  3. ध्यानपूर्वक श्वास लें: ध्यान रखें कि आप अपनी श्वास को धीरे-धीरे और नियंत्रित रूप से ले रहे हैं। गहरी और शांत श्वास लेने का प्रयास करें।
  4. अत्यधिक बाहरी दबाव से बचें: सूर्यभेदी प्राणायाम में जब आप नाक के एक नारी को बंद करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अत्यधिक बाहरी दबाव नहीं डाल रहे हैं। यह आपकी नाक और सांस नली के लिए हानिकारक हो सकता है।
  5. संयमित रहें: सूर्यभेदी प्राणायाम को संयमित रूप से करें और अधिक अभ्यास से बचें। अपने सीमाओं के अंदर रहें और अपने शरीर के साथ संवाद करें।
  6. योग गुरु की दिशा में अभ्यास करें: यदि संभव हो सके, तो सूर्यभेदी प्राणायाम योग का अभ्यास करने से पहले एक प्रशिक्षित योग गुरु से दिशा लें। वे आपको सही तकनीक और सावधानियों के बारे में बेहतर मार्गदर्शन कर सकते हैं।

यदि आपमें किसी तरह की शारीरिक या मानसिक समस्या हो, तो इसे एक स्वास्थ्य पेशेवर या योग गुरु से परामर्श करना उचित होगा। योग का अभ्यास सतत और नियमित रहना चाहिए और सभी योगाभ्यासों को सुरक्षित तरीके से करने के लिए सावधानी बरतना चाहिए।

सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• सूर्यभेदी प्राणायाम के फायदे (Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi)

  1. शांति और मनोशांति: योग ध्यान और शांति के अवसर प्रदान करता है। इस योग के द्वारा आप अपने मन को स्थिर और चित्त को शांत कर सकते हैं।
  2. प्राण शक्ति की वृद्धि: इस प्राणायाम के अभ्यास से आप अपनी प्राण शक्ति को बढ़ा सकते हैं। यह शरीर को ऊर्जा और जीवनशक्ति से भर देता है।
  3. मानसिक स्थिरता: योगासन और प्राणायाम के द्वारा सूर्यभेदी प्राणायाम योग अभ्यास करने से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। यह मन को ताजगी और चित्त को निरंतरता प्रदान करता है।
  4. श्वास नियंत्रण: ये योग आपके श्वास की गति और नियंत्रण को सुधारता है। इसके द्वारा आप अपने श्वास को समय के साथ मिलाएं और उचित श्वास की गति को विकसित कर सकते हैं।
  5. स्वास्थ्य लाभ: सूर्यभेदी प्राणायाम योग के अभ्यास से श्वासनली, हृदय, पाचन तंत्र, एनर्जी स्तर और इम्यून सिस्टम में सुधार हो सकती है। यह स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  6. तनाव कम करना: यह प्राणायाम की मदद से तनाव को कम किया जा सकता है। योगिक श्वासनियंत्रण और ध्यान के माध्यम से मनोवृत्ति को स्थिर करके तनाव का प्रबंधन किया जा सकता है।

याद रखें, योग अभ्यास को नियमित रूप से करना चाहिए और अपने शरीर की सीमाओं को ध्यान में रखना चाहिए। यदि आपमें किसी खास स्वास्थ्य समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• सर्दियों में क्यों जरूरी हैं सूर्यभेदी प्राणायाम

  1. विटामिन डी के स्तर को बढ़ावा: सर्दियों में यह प्राणायाम करने से, जब आप सूर्य की किरणों को अभ्यास करते हैं, तो आपके शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता पूरी करने में मदद मिल सकती है। विटामिन डी आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, और यह शरीर की मजबूती और इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
  2. शारीरिक गर्माहट के लिए: सूर्यभेदी प्राणायाम शारीरिक गर्माहट को बढ़ाने में मदद कर सकता है। जब तापमान नीचे चला जाता है, तो योगाभ्यास से शरीर का तापमान बढ़ सकता है और आपको ठंड के प्रभावों से बचाने में मदद मिल सकती है।
  3. मनोवृत्ति को स्थिर करने के लिए: सर्दियों में मानसिक तनाव और दुःख का स्तर बढ़ सकता है। इसे करने से आपकी मनोवृत्ति को स्थिर करने में मदद मिल सकती है और आपको स्थिरता और शांति की अनुभूति हो सकती है।
  4. सामरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए: सूर्यभेदी प्राणायाम करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आपको ऊर्जा प्रदान करके थकावट को कम कर सकता है और सामरिक तत्वों को सुधार सकता है।

• किस बीमारियो के लिए जरूरी हैं सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम कई बीमारियों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह एक प्राणायाम तकनीक है जो प्राणिक ऊर्जा को शुद्ध करने और संतुलित करने के लिए उपयोगी होती है।

  1. दिल के रोग: ये प्राणायाम दिल के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। इसके द्वारा दिल की पंपिंग शक्ति बढ़ा सकती है, रक्तचाप को नियंत्रित कर सकती है, और दिल की रक्षा में मदद कर सकती है।
  2. श्वासनली संबंधी समस्याएं: अगर आपको दमा, ब्रोंकाइटिस या अन्य श्वासनली संबंधी समस्याएं हैं, तो सूर्यभेदी प्राणायाम श्वासनली को स्वस्थ रखने और श्वासनली की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  3. स्ट्रेस और अवसाद: यह मानसिक स्थिति को सुधारने और मन को शांत करने में मदद कर सकता है। यह तनाव को कम करने, मन को स्थिर करने, और मानसिक तनाव और अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
  4. सिंसाइटिस और एलर्जी: सूर्यभेदी प्राणायाम नाक और सिंसाइटिस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। यह श्वासनली की सफाई और नाक की सुरक्षा में मदद कर सकता है।

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सूर्यभेदी प्राणायाम : Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi

• Conclusion ( निष्कर्ष )

योग का अभ्यास हमेशा किसी योग के जानकार या एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक ही करना चाहिए। इस लेख में हमने आपको सूर्यभेदी प्राणायाम (Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi) के बारे में सपूर्ण जानकारी दी हैं। आशा करता हूं आप सूर्यभेदी प्राणायाम (Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi) से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ गए होगे।

हमारा उद्देश्य आपको स्वस्थ और तंदुरस्त रखना हैं। सूर्यभेदी प्राणायाम (Surya Bhedi Pranayama Benefits In Hindi) से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं।

लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏 

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